नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है. गाजियाबाद में शुरुआत में स्मार्ट मीटर सरकारी कार्यालय, सरकारी आवासों, जनप्रतिनिधियों के यहां लगाए जा रहे हैं. जिसके बाद सामान्य उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. केंद्र सरकार की आरडीएसएस (रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं.
गाजियाबाद के बिजली उपभोक्ताओं के यहां मौजूदा समय में सामान्य मीटर लगे हुए हैं. सामान्य मीटर का बिल मीटर रीडर द्वारा मीटर से रीडिंग लेने के पश्चात बनाया जाता है. कई बार उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि बिजली के बिल में मीटर रीडर द्वारा कम या फिर ज्यादा यूनिट का बिल बनाया गया है. हालांकि मीटर में शो कर रही रीडिंग कम है.
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स्मार्ट मीटर में उपभोक्ता को करना होगा रिचार्ज: मीटर रीडर द्वारा कम यूनिट का बिल बनाने पर उपभोक्ता का अगले महीने का बिजली का बिल अधिक आ जाता है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडर द्वारा बिल बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. स्मार्ट मीटर में उपभोक्ता को रिचार्ज करना होगा. उपभोक्ता के बिजली उपयोग के अनुसार ही रिचार्ज में से अमाउंट डिडक्ट होता रहेगा. कुल मिलाकर स्मार्ट मीटर में पारदर्शिता बढ़ेगी.
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आरडीएसएस है भारत सरकार की योजना : आरडीएसएस (रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) भारत सरकार की योजना है. योजना के तहत उपभोक्ताओं के घरों से पुराने मीटर को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. मुख्यालय से इंटेलीस्मार्ट कंपनी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है. उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हो चुकी है. जोन एक में विधायक अजीत पाल त्यागी के निवास पर पहला स्मार्ट मीटर लगाया गया है.
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31 मार्च 2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य: प्रथम चरण में सरकारी कार्यालय, सरकारी आवासों, जनप्रतिनिधियों के यहां लगाए जाएंगे तत्पश्चात सामान्य उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. 31 मार्च 2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कार्य संस्था द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है.
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