महाराजगंज: पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र में मां को ढूंढने जा रही कक्षा चार की छात्रा को अगवा कर जंगल में गैंगरेप और हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने छह अभियुक्तों को दोषी करार दिया है. इसमें से पांच दोषी पंकज साहनी, वीरू उर्फ विवेक, गोविन्द, सोनू साहनी, रामनयन राजभर निवासी खालिकगढ़ टोला जिगिनिहवा थाना पुरन्दरपुर को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाया है. छठवें दोषी बाल अपचारी को 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सभी दोषियों पर 18-18 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
जंगल में ले जाकर किया था रेप और हत्याः बता दें कि 18 जनवरी 2021 को स्कूल से आने के बाद छात्रा अपनी मां की मदद के लिए साइकिल लेकर जंगल की ओर जा रही थी. मां जंगल में लकड़ी बीनने गई थी. रास्ते में मोबाइल फोन पर अश्लील फिल्म देख रहे दरिंदों की नजर मासूम छात्रा पर पड़ गई. इसके बाद दरिंदे छात्रा को जंगल में उठा ले गए और अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. तत्कालीन थानाध्यक्ष आशुतोष सिंह ने तहरीर के आधार पर पहले अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गैंगेरेप, हत्या, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था. विवेचना आशुतोष सिंह में साक्ष्य और सबूतों के आधार पर आरोपियों को नामजद किया. पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र की इस घटना ने पूरे जिले को दहला दिया था.
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डेढ़ माह के अंदर दाखिल हुई थी चार्जशीट: विवेचक आशुतोष सिंह ने डेढ़ माह के अंदर 41 दिन में विवेचना पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी. इस घटना को दिल्ली के निर्भया कांड से भी जघन्य अपराध माना गया था. कोर्ट में विचारण के दौरान सहायक शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह, कोर्ट मोहर्रिर अरूण राय और न्यायालय पैरोकार सूरज कुमार तिवारी ने ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत अभियोजन से समन्वय बनाकर प्रभावी पैरवी की. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जोरदार बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की. इसके बाद पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने फैसला सुनाया.
दोषियों के खिलाफ हुई थी एनएसए की कार्रवाई: पुरन्दरपुर थानाक्षेत्र में 11 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के जघन्य अपराध ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. हर तरफ गुस्से का माहौल था. पुरन्दरपुर पुलिस भी इस मामले जांच-पड़ताल में जुटी थी. इसके लिए एसओजी, स्वाट और सर्विलांस टीम को लगाया गया था. पुलिस की सभी टीम आपस में समन्वय बनाकर जांच पूरी कर अज्ञात दरिंदों का साक्ष्य के आधार पर चेहरा उजागर करते हुए कार्रवाई कर रही थी. आरोपियो के खिलाफ एनएसए और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी. 3 माह 26 दिन में इस केस का फैसला आने के बाद लोगों ने कहा कि कानून की जीत हुई है.
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