रांचीः झामुमो के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपना राजनीतिक स्टैंड क्लियर कर दिया है. वह 30 अगस्त को भाजपा में विधिवत शामिल होने वाले हैं. इस मौके पर रांची में कार्यक्रम का आयोजन होगा. अब सवाल है कि चंपाई सोरेन मंत्री पद से कब इस्तीफा देंगे. दूसरा सवाल ये है कि क्या सीएम हेमंत सोरेन उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चंपाई सोरेन 28 अगस्त को कैबिनेट की बैठक के दौरान मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. जहां तक उनको मंत्री पद से बर्खास्त करने की बात है तो इस बारे में झामुमो का कोई नेता कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. दूसरी जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक चंपाई सोरेन को जेड कैटेगरी की सुरक्षा देने का भरोसा दिया गया है. केंद्र सरकार ने सीता सोरेन को भी भाजपा ज्वाइन करने के बाद वाई कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराई थी.
चंपाई चाचा को भी नहीं छोड़ा, झामुमो का विनाश तयः सीता सोरेन
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और वर्तमान में भाजपा की नेत्री सीता सोरेन ने ईटीवी भारत के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब इस पार्टी का विनाश होना तय है. उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. भगवान सबकुछ देख रहा है. सीता सोरेन ने कहा कि चंपाई सोरेन जी को मैं चाचा कहकर पुकारती हूं. वे बहुत पुराने नेता हैं. उनको भी अपमानित किया गया. आखिर कोई कब तक बेइज्जती बर्दाश्त करेगा. उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन के भाजपा में आने से झामुमो को बहुत बड़ा नुकसान तय है. यह होना भी चाहिए.
राज्य में एक नहीं दो मुख्यमंत्री हैं - सीता सोरेन
सीता सोरेन ने कहा कि आज इस राज्य में एक नहीं बल्कि दो मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कल्पना सोरेन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह सीएम के साथ हर कार्यक्रम में दिखती हैं. क्या इससे पार्टी के बड़े नेताओं को तकलीफ नहीं होती होगी. सीता सोरेन ने पार्टी महासचिव विनोद पांडेय पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विनोद पांडेय कौन हैं. ये लोग पार्टी चला रहे हैं. पार्टी को खड़ा करने में इनका क्या रोल रहा है. अब चाचा को भी पार्टी छोड़ना पड़ गया. उन्होंने पार्टी के लिए लंबे समय तक योगदान दिया. अब इस उम्र में उनको अपमानित किया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि गुरुजी के साथ मिलकर स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया था. मैंने इस पार्टी के लिए कितना त्याग किया है, यह मैं ही जानती हूं. लेकिन मुझे कभी सम्मान नहीं मिला. अपमानित होकर भी सबकुछ झेलते रहे. बच्चों के भविष्य को देखते हुए मजबूर होकर मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी. जब मेरे सम्मान का ख्याल नहीं रखा गया तो राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का क्या सम्मान रखेंगे ये लोग. एक समय था जब किसी बात पर कोई नेता नाराज हो जाता था तो दुर्गा सोरेन खुद मनाने के लिए घर पहुंच जाते थे. अब इस पार्टी में ऐसा कोई नहीं बचा है. इनको बताना चाहिए कि आखिर झामुमो को किसने खड़ा किया था.
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