कानपुर: शहर से लेकर सुबह तक बूढ़े से जवान बनने के जिस मामले की चर्चा सबसे ज्यादा है, उसमें पुलिस ने फिलहाल जो मुकदमा दर्ज किया है उसके आरोपी स्वरूप नगर निवासी राजीव दुबे से लगातार पूछताछ जारी है. मामले में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के सदस्यों ने मंगलवार को राजीव दुबे के साथ ही उनकी पत्नी रश्मि दुबे से भी लगातार साढ़े तीन घंटे पूछताछ की. इस दौरान कुल 40 सवाल पूछे गए. पुलिस की पूछताछ में अब यह बात भी सामने आई है, कि पति की ही कंपनी में पत्नी रश्मि 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. इसी तरीके से पत्नी ने कहा, कि पति ने ही थेरेपी मशीन को बनवाया था. लेकिन यह कहां से बनवाई गई थी, यह जानकारी उसे नहीं है.
पत्नी रश्मि ने यह भी कहा, वह सारा काम खुद संभालते थे. वह तो बस घर और अपने बच्चों को देखती थी. जब पुलिस ने उनसे कोई दस्तावेज मांगे तो वह नहीं दे पाई हैं. ऐसे में अब कानपुर के अंदर इस बात की चर्चा जोरों पर है, कि कहीं ना कहीं राजीव दुबे और रश्मि दुबे पर जो करोड़ों रुपए का ठगी का आरोप लगा है. उस मामले में आरोपी फंसते नजर आ रहे हैं. जबकि दो दिनों पहले जब राजीव दुबे ने डीसीपी साउथ कार्यालय पहुंचकर सरेंडर किया था. तो वहां पर उसने साफ-साफ कहा था, उसके ऊपर लगे सारे आरोप निराधार हैं और उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
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मशीन तैयार करने वाली वायु इन्डस्ट्रीज भी अधिकृत नहीं: इस पूरे मामले पर डीसीपी साउथ अंकित शर्मा ने बताया कि जवान बनने वाली मशीन को लेकर जी वायु इंडस्ट्रीज की बात कही जा रही थी. वह भी अधिकृत नहीं है. हालांकि वहां के लोगों का यह कहना है, कि उन्होंने पूरी मशीन नहीं बनाई बल्कि एक अन्य ने भी साथ दिया था. वहीं अभी तक सीएमओ से भी कोई जवाब नहीं मिला है. जबकि दूसरी ओर राजीव दुबे ने जिन लोगों को रिवाइवल वर्ल्ड संस्था में ज्वाइनिंग दी थी, उनसे यह भी कहा था कि इस थेरेपी मशीन से कैंसर और स्ट्रोक जैसी बीमारियों को भी पूरी तरीके से खत्म किया जा सकता है. राजीव दुबे की ओर से पुलिस को 4.18 लख रुपये का हिसाब भी बता दिया गया है.
अभी मामले में कई पेंच फंसे हैं, एसआईटी लगातार कर रही कवायद: इस पूरे मामले को लेकर अभी यहां सीट के सदस्य अपनी ओर से कवायत कर रहे हैं. वहीं पुलिस के सामने कई तरीके के पेच फंसे हैं. आरोपी राजीव दुबे जहां पूरी तरह खुद को बेगुनाह साबित कर रहे हैं, वही जो पीड़ित है उनका यह कहना है कि उनसे लाखों करोड़ों की ठगी की गई है. जब राजीव दुबे से उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे, तो राजीव और उन पर ही रंगदारी का आरोप लगा रहे हैं. डीसीपी साउथ अंकित शर्मा ने कहा, कि अगर राजीव दुबे कहीं पर भी अग्रिम जमानत के लिए अपनी ओर से याचिका लगाते हैं, तो उसको खारिज करने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.
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