बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 4 दशकों से नक्सलवाद काबिज है. नक्सलवाद की समाप्ति और अंदरुनी क्षेत्रों तक विकास कार्य पहुंचाने के लिए हजारों पैरामिलिट्री फोर्सेस को बस्तर के अलग अलग जिलों में तैनात किया गया है. नक्सली मोर्चे पर डटे रहने के कारण देश के जवान त्योहारों में अपने घर नहीं जा पाते हैं और अपने परिवार से दूर रहते हैं. आज पूरे भारत देश में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए स्थानीय गांव की बहनों ने नक्सली मोर्चे पर तैनात रहे जवानों को राखी बांधी है.
सुकमा के सीआरपीएफ कैंप में रक्षाबंधन का त्योहार: सुकमा जिले के रामाराम स्थित सीआरपीएफ द्वितीय वाहिनी कैंप में राखी का त्योहार मनाया गया. भाई बहन के अटूट बंधन के पावन त्योहार को मनाने के लिए बहनें दर्जनों की संख्या में कैंप पहुंची और जवानों को रक्षासूत्र बांधी. इस दौरान बहनों और जवानों ने काफी खुशी जताई.
नक्सलगढ़ की महिलाओं ने जवानों को बांधी राखी: गांव की बहन सुशीला ने बताया "सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहकर देश के जवान लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं. रक्षाबंधन के त्यौहार पर अपने घर अपनी बहन के पास नहीं है. उन्हें अपने घर की कमी महसूस न हो. इसीलिए गांव की महिलाएं, युवतियां सभी जवानों के हाथों में राखी बांध रही है. सभी बहनों ने अपने जवान भाइयों के लिए दुआएं भी मांगी है."
जवानों ने बहनों की रक्षा का दिया वचन: सीआरपीएफ के अधिकारी वीडी वर्मा ने बताया कि "घर से काफी दूर रहकर सेवाएं दे रहे हैं. रक्षाबंधन के त्योहार में घर जैसा माहौल आज देखने को मिला है. गांव की महिलाओं और बहनों को राखी पर कैंप में आकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का निमंत्रण दिया. बहनों ने आकर सभी जवानों के कलाई में राखी बांधी है. हमने भी उनकी सुरक्षा के लिए वचन दिया है और उनकी सेवाओं में लगे रहेंगे."