सिरोंज (विदिशा)। सिरोंज की अदालत के एक फैसले से प्रशासन में हड़कंप मच गया. कोर्ट के आदेश पर जब एसडीएम कार्यालय का सामान जब्त करने पुलिस पहुंची तो अजीब स्थिति बन गई. जिस कुर्सी पर एसडीएम बैठते हैं, उसे भी जब्त कर लिया गया. सिरोंज तहसील कार्यालय में इस अनोखी कार्रवाई के दौरान काम कराने आए ग्रामीण समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर कार्यालय को खाली क्यों किया जा रहा है. क्या कार्यालय कहीं और शिफ्ट हो रहा है.
साल 2011 में हाइवे के लिए अधिग्रहीत की थी जमीन
दरअसल, साल 2011 में सिरोंज-गुना हाइवे बना था. उस दौरान रोहलपुरा चौराहे के आसपास 82 लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया और इन्हें मुआवजा दिया गया. मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (MPRDC) ने इस रोड का निर्माण कराया था. इसके पहले तत्कालीन एसडीएम ने भू-अर्जन कराया था. इस दौरान कुछ लोगों को मुआवजा बहुत कम लगा और वे इस मामले को लेकर अदालत चले गए.
40 हजार की मुआवजा राशि एक करोड़ के पार पहुंची
एडवोकेट कपिल त्यागी ने बताया "फरवरी 2023 में न्यायालय ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश शासन को दिया था. परंतु शासन या एमपीआरडीसी ने कोई कार्रवाई नहीं की. 2011 के हिसाब से दी गई मुआवजा राशि के अनुसार 40 हजार रुपए का मुआवजा देना तय हुआ था. इसके खिलाफ वे न्यायालय गए. फरवरी 2023 को न्यायालय ने उन्हें 29 लाख 5 हजार 200 रुपए प्राप्त करने का अधिकारी माना. लेकिन अनुविभागीय स्तर पर इसमें उचित कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय ने 30% अतिरिक्त ब्याज लगाते हुए राशि को एक करोड़ 1 करोड़ 9 लाख 32 हजार रुपए कर दिया."
ये खबरें भी पढ़ें... टीम ने शांति पैलेस होटल पर शुरू की कार्रवाई, नोटिस चस्पा, एक माह में बकाया नहीं भरा तो कुर्की पलंग कुर्की से बचाने के लिए अर्धनग्न ही दौड़ी महिला, 2 निलंबित 2 की सेवाएं समाप्त |
कम दिया मुआवाजा, कोर्ट ने बढ़ाने के दिए आदेश
एक और याचिकाकर्ता अशोक जैन ने बताया "जो सड़क बनी है उसमें हम लोगों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. उस वक्त हम लोगों को किसी को 40 हजार तो किसी को 45 हजार रुपए मुआवजा मिला था. 5 लोगों ने मुआवजा नहीं लिया था. हम लोगों को साढ़े 5 करोड रुपए मुआवजा देने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था. फैसला हुए 10-11 महीने हो गए, अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था. कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर याचिकाकर्ता फिर न्यायालय की शरण में गए. इसके बाद न्यायालय के आदेश से मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के टेबल, कुर्सी, कंप्यूटर आदि सामान जब्त किया गया."
कोर्ट की कार्रवाई पर क्या बोले सिरोंज एसडीएम
यह न्यायालयीन प्रक्रिया है. हमने 2023 के न्यायालय के आदेश की जानकारी एमपीआरडीसी को दे दी थी. बढ़ी राशि उसी को देना है. लेकिन वह निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए. न्यायालय द्वारा पारित बढ़ी हुई मुआवजा राशि के संबंध में उच्च न्यायालय में अपील दर्ज की जा चुकी है. इसके बारे में सिरोंज न्यायालय को सूचना दी जा चुकी थी.
- हर्षल चौधरी, एसडीएम, सिरोंज