सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर हंसराज की अदालत ने सरकारी धन के गबन के आरोपी पूर्व जिला कोषागार अधिकारी सतीश कुमार को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. आरोपी ने नाहन में जिला कोषागार अधिकारी के पद पर रहते हुए 1.69 करोड़ से अधिक के सरकारी धन का गबन किया था. अदालत द्वारा अलग-अलग धाराओं में सुनाई गई सजाएं एक साथ चलेंगी. दोषी को कुल 5 साल की सजा सुनाई गई है. अदालत में मामले की पैरवी जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने की.
दोषी को अलग-अलग धाराओं के तहत सजा
जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि अदालत ने दोषी को आईपीसी एक्ट की धारा 13(2) के तहत 5 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को 3 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. इसके अलावा दोषी को आईपीसी की धारा 409 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 5 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए जुर्माना अदा करने की भी सजा सुनाई है. यह जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भी दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. वहीं आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 3 वर्ष के साधारण कारावास और 3000 रुपए का जुर्माना भरने के भी आदेश दिए है. ये जुर्माना न भरने पर भी दोषी को 2 महीने की अवधि के लिए साधारण कारावास काटना होगा.
इसके साथ-साथ अदालत में आईपीसी की धारा 467 के तहत दंडनीय अपराध के लिए 4 वर्ष के साधारण कारावास और 5000 रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई. उक्त जुर्माना अदा न करने पर 3 महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त साधारण कारावास होगा. इसके अलावा आईपीसी की धारा 468 के तहत 3 वर्ष के साधारण कारावास और 3000 रुपए का जुर्माना अदा करने और जुर्माना न भरने पर उन्हें 3 महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने के आदेश भी दिए हैं. ये सभी सजाएं एक साथ चलेगी.
जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया, "दोषी वर्ष 2012 से 2018 के बीच नाहन में जिला कोषागार अधिकारी के पद पर तैनात था, जिसने उक्त अवधि के दौरान ई-पेंशन प्रणाली में चालाकी से फर्जी प्रविष्टियां करके 1,68,66,371 रुपए की सरकारी धनराशि का गबन किया था. जिसके चलते कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई है."