दौसा : जिले के मेहंदीपुर बालाजी में पंजाब के बुढलाडा से श्री बालाजी यात्रा संघ के तत्वाधान में आए श्रद्धालुओं ने रविवार रात कस्बे में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया. भजन संध्या में आए भक्तों ने भजनों की ताल पर झूमकर लोकप्रिय भजनों का जमकर आनंद लिया. इस दौरान बड़ी संख्या में बालाजी महाराज के भक्तों ने भगवान के भजनों का रसपान किया.
वहीं, भजन संध्या से पहले रविवार दोपहर को श्रद्धालुओं ने अंजनी माता मंदिर से बालाजी मंदिर तक एक किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाली, जिसमें प्रसिद्ध भजन सम्राट कन्हैया मित्तल ने भी भाग लिया था. इसमें बड़ी संख्या में पंजाब, दिल्ली और हरियाणा से आए भक्तों ने भी भाग लिया. इस दौरान बैंड बाजा और ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचते गाते हुए श्रद्धालु बालाजी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बालाजी महाराज को लाल पताका चढ़ाई.
500 मीटर का क्षेत्र जगमग रोशनी से नहाया : इस भव्य भजन संध्या के आयोजन के लिए पंजाब से आए आयोजनकर्ता कई दिनों से तैयारियों में लगे हुए थे. इस दौरान भजन पांडाल स्थल के 500 मीटर के क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाकर भव्य स्वरूप दिया गया. साथ भजन संध्या के लिए भव्य पांडाल बनाया गया. इसमें बालाजी महाराज की बाल स्वरूप मनमोहक झांकी सजाई गई. राम परिवार और खाटूश्याम की दिव्य झांकियां भी सजाई गईं. इस दौरान सभी भक्तों ने बालाजी महाराज की झांकी के दर्शन लाभ लिए.
प्रसिद्ध कलाकारों ने भजनों ने बांधा समां: वहीं, रात 10 बजे बाद भव्य भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें प्रसिद्ध भजन सम्राट कन्हैया मित्तल ने भजनों की रंगा-रंग प्रस्तुतियां दी. ऐसे में कन्हैया मित्तल के मुखारबिंद से भजन सुनकर पांडाल में मौजूद श्रद्धालु खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए. इसके साथ ही देश के कोलकाता, बरेली, पंजाब सहित अन्य जगह से आए प्रसिद्ध कलाकारों ने बालाजी महाराज के भक्तों को भक्तिमयी भजनों का राशपान कराया.
जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे : इस दौरान भजन सम्राट कन्हैया मित्तल ने, एक फिर से 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे', भजन की प्रस्तुति दी. साथ ही अन्य कलाकारों ने मधुर भजन 'हारे के सहारे आजा', 'दुनिया चले न श्रीराम के बिना..', 'श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम की' जैसे लोकप्रिय भजनों की भावनात्मक प्रस्तुतियां दीं. इन्हें सुनकर भजन पांडाल में बैठा हर भक्त झूमने को मजबूर हो गया. भजन संध्या के समापन पर आयोजन कमेटी ने बालाजी महाराज को छप्पन भोग महाप्रसादी का भोग लगाया, जिसे श्रद्धालुओं में वितरित किया गया.