आगरा: दिल्ली और मेवात में बैठे साइबर क्रिमिनल्स लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर लगातार ठगी कर रहे हैं. इन साइबर ठगों को आगरा से सिम मुहैया कराए जा रहे हैं. यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट ने बुधवार देर रात गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. उसके जरिए ही इसका खुलासा हुआ है. आरोपी के पास से 10 सिम और 14 बैंक खातों के एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. इन सिम का इस्तेमाल यूपीआई आईडी चलाने और लोगों को व्हाट्सएप कॉल करने में किया जाता है. अभियुक्त का एक साथी मौके से फरार हो गया. इस बारे में न्यू आगरा थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है. फरार की तलाश में दबिश दी जा रही है.
बता दें कि आगरा में साइबर क्रिमिनल्स की धमकी से एक शिक्षिका की मौत हो चुकी है तो एक शिक्षिका से लाखों रुपये की ठगी हुई है. इसके साथ ही अन्य लोग भी साइबर क्रिमिनल की ठगी का शिकार बन रहे हैं.
कार से सिम और एटीएम बरामद : यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट के इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली और मेवात में सक्रिय साइबर क्रिमिनल्स के पास आगरा से सिम पहुंचाए जा रहे हैं. इसके जरिए ही ठगी की जा रही है. ये जानकारी मिली रही थी, जिस पर एसटीएफ ने पड़ताल शुरू की. बुधवार देर रात केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड, खंदारी पर एक कार में दो युवक दिखे. जिसमें से टोकने पर एक युवक भाग गया. जबकि, दूसरे युवक को पकड़ लिया गया. गिरफ्तार अभियुक्त का नाम शाहरुख निवासी अछनेरा है. जिससे 10 एक्टिवेटेड सिम और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं.
कबाड़ का काम करता है आरोपी : एसटीएफ की पूछताछ में अभियुक्त शाहरुख ने बताया कि वह कबाड़ का काम करता है. दिल्ली में उसका भाई एमके रहता है. मेवात, हरियाणा में भी उसकी रिश्तेदारी है. जिसके चलते ही साइबर क्रिमिनल गैंग के संपर्क में आया. बताया कि उसके साथ मथुरा का तेजवीर भी है. दोनों मिलकर साइबर क्रिमिनल गैंग को आगरा और मथुरा से सिम खरीदकर भेजते हैं. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में मजदूर वर्ग के लोगों को रुपयों का लालच देकर उनके नाम से बैंक में खाते खुलवाने के साथ ही सिम भी खरीदते हैं. इसके एवज में उन्हें 2 से 5 हजार रुपये देते हैं. खाते मोबाइल नंबर से लिंक कराने के बाद साइबर क्रिमिनल गैंग को सिम भेजते हैं. इन बैंक खातों में साइबर क्राइम के बाद रकम भेजी जाती है. जिसे बाद में एटीएम कार्ड या आनलाइन ट्रांसफर कर लेते हैं.
कम पढ़े लोगों को फंसा रहा था गैंग: एसटीएफ की पूछताछ में ये बात सामने आई कि गैंग कम पढ़े लोगों को रुपये का लालल देकर जाल में फंसता है. उनकी मजबूरी और लालच का झांसा देकर उनकी आईडी से सिम खरीदने के साथ ही बैंक में खाते खुलवाते हैं. इन बैंक खातों में साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर कराई जाती है.
पहले भी अछनेरा में पकड़ा गया गैंग: बता दें कि आगरा से फर्जी आईडी से सिम खरीदकर उन्हें बेचने में पहले भी आरोपी पकड़े जा चुके हैं. दिल्ली में जगदीशपुरा के 3 युवक पकड़े गए थे. जिनसे विदेश में सप्लाई होने वाले सिम की खेप मिली थी. अछनेरा में कई आरोपी साइबर ठगी में पकड़े जा चुके हैं. इसकी वजह ये है कि अछनेरा कस्बा के कई परिवारों की रिश्तेदारी राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिलों में है. जिसकी वजह से यहां के कई लोग साइबर क्रिमिनल गैंग के संपर्क में आकर सक्रिय हो जाते हैं.