दुर्ग : दुर्ग जिले में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.पुलिस लोगों को कई तरह से जागरुक करने की कोशिश करती है. फिर भी ठग अपने तरीके से लोगों को चूना लगा देते हैं.
ठगी का नया तरीका : इन दिनों ठगों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है. जिसमें सिम को पोर्ट कराने वाले ग्राहक शिकार बन रहे हैं. ठगों के पास सिम पोर्ट कराने वालों की डिटेल चली जा रही है.जिसके बाद ठग कस्टमर केयर ऑपरेटर बनकर लोगों को अपने झांसे में ले रहे हैं.इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिस ने कमर कसी है. दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने साइबर फ़्रॉड से बचाव के लिए लगातार लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
पुलिस से करें कम्प्लेन : वहीं एएसपी क्राइम ऋचा मिश्रा ने बताया कि लोगों को सावधानी से काम लेना चाहिए. किसी का भी सिम पोर्ट करने के लिए आता है,तो तुरंत नजदीकी थाने जाकर कंप्लेंट कीजिए. ऐसे ठग नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों को झांसे में लेते हैं.
"ठग ज्यादातर पाकिस्तान के कोड वाले नंबरों का इस्तेमाल करते हैं. लोगों को अपने बुद्धि से काम करना जरूरी है. कोई भी ट्रांजेक्शन करने से पहले एक बार जरुर सोचना चाहिए.'' ऋचा मिश्रा,एएसपी साइबर क्राइम
जागरुकता ही ठगी से बचाव है : साइबर ठगी करने वाले नए-नए तरीकों से लोगों को झांसे में फसाते हैं उनके झांसे में ना आए,ऐसा कोई भी कॉल आता है तुरंत पुलिस को सूचना देते हुए इसकी जानकारी भी देनी चाहिए.आम नागरिक को जागरुक भी होना जरूरी है.
पुलिस की अपील : साइबर ठग आए दिन नये नये तरीकों के माध्यम से आम जनता से धोखाधड़ी करने का प्रयास करते है - कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सी.बी.आई.अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करता हैं तो ऐसे कॉल से सावधान रहे. बिलासपुर पुलिस ने इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानों में आम जनता की रिपोर्ट और फोन नंबरों को गोपनीय रखा है.
- किसी भी लुभावने या सस्ती कीमतों पर मिलने वालों सामानों को खरीदते समय नकद (कैश, ऑन डिलीवरी) में लेन-देन करें.
- अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाइल पर सेव नही है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी,बैंकिग जानकारी,ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें.
- अनजान वेबसाइट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचें.
- कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दोगुना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहे खुद को ठगों के पास न पहुंचाएं.
- स्वयं की पहचान छिपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाईव चैट) करने से बचें.
- परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने का झांसा देने वाले व्यक्तियों और खासकर 92 नम्बरों से होने वाले साइबर फ्रॉड की घटना घटित होने पर निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते है.
- साइबर फ्राड होने पर तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें
- हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है http://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है.
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