हजारीबागः भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने चुनावी दायित्वों से मुक्ति की मांग की है. शनिवार को सोशल मीडिया X पर उन्होंने लिखा कि, मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं.
इस खबर के बाद हजारीबाग भाजपा के कार्यकर्ता चकित हैं कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है. इस खबर के बाद भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय अटल सेवा केंद्र में सन्नाटा पसरा हुआ है. आलम यह है कि मुख्य द्वार पर ही ताला लगा दिया गया है और कोई भी कार्यकर्ता या पार्टी के पदाधिकारी नहीं दिख रहे हैं. इस खबर पर वर्तमान जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक यादव, भाजपा के कई वरिष्ठ नेता फोन तक नहीं उठा रहे हैं क्योंकि यह मामला काफी संवेदनशील है. इसी बीच अटल सेवा केंद्र में नंदलाल मेहता जो जिला महामंत्री हैं वे वहां पहुंचे. जब उनसे ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि भले ही जयंत सिन्हा ने यह ऐलान कर दिया है लेकिन पार्टी सुप्रीमो इसे स्वीकार नहीं करेंगे. जयंत सिन्हा हजारीबाग के सर्वमान्य नेता है, जिन्होंने पिछली बार रिकॉर्ड मत से चुनाव जीता था.
सांसद जयंत सिन्हा ने क्या लिखा है सोशल मीडिया परः
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया X पर की गई अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा. मुझे पिछले दस वर्षों में भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है. इसके अलावा, मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का आशीर्वाद मिला है. उन सभी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता. जय हिन्द.'
सांसद जयंत सिन्हा ने आज से 2 दिन पूर्व ही अटल सेवा केंद्र में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी थी कि 50 हजार करोड़ रुपया खर्च किया गया है. साथ ही साथ उन्होंने अपनी कई कामयाबी का जिक्र भी पत्रकारों के साथ साझा किया था. शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनबाद पहुंचे थे तो वह भी धनबाद में उनके स्वागत में थे. यही नहीं हजारीबाग गोरिया कर्मा में कृषि अनुसंधान केंद्र में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. अगर जयंत सिन्हा ने यह फैसला लिया है तो उसके पहले वह कार्यक्रम में हिस्सा क्यों लिए यह भी एक यक्ष प्रश्न है.
जयंत सिन्हा के टिकट कटने की बात आई थी सामनेः
कुछ दिन पूर्व हजारीबाग में रायशुमारी का भी आयोजन किया गया था. जिसमें 90 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सांसद जयंत सिन्हा का नाम पार्टी के वरीय पदाधिकारी को बताया था. इसके बावजूद या फैसला भी बड़ा सवाल खड़ा करता है. जयंत सिन्हा का यह फैसला हजारीबाग समेत पूरे झारखंड में खलबली मचा दी है. हालांकि कुछ दिन पूर्व से ही हजारीबाग में यह बात सुर्खियों में थी कि जयंत सिन्हा का टिकट कट सकता है और हजारीबाग में भाजपा का कोई नया उम्मीदवार सामने आ सकता है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि जयंत सिन्हा का टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी के दबाव में या फैसला लिया है. बहरहाल यहां भाजपा को उम्मीदवार कौन होगा यह देखने वाली बात होगी.
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