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सीकर: गोपाल फोगावट हत्याकांड में आरोपी महेन्द्र बलारा को उम्रकैद - GOPAL FOGAWAT MURDER CASE

सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड में आरोपी महेन्द्र बलारा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इससे पहले 10 आरोपियों को सजा हो चुकी है.

Life imprisonment to accused Mahendra Balara
आरोपी महेन्द्र बलारा को उम्रकैद (ETV Bharat Sikar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2025, 7:48 PM IST

फतेहपुर (सीकर): सीकर जिले के बहुचर्चित गोपाल फोगावट हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. परिवादी के अभिवक्ता मदनलाल कुमावत ने बताया कि न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रमांक 2 के न्यायाधीश सत्यप्रकाश सोनी द्वारा आरोपी महेन्द्र बलारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. बता दें कि गोपाल फोगावट हत्याकांड में पहले ही 10 आरोपियों को आजीवन की सजा सुनाई जा चुकी है. उक्त आरोपियों में से नेमा माली को छोड़कर 9 आरोपियों की सजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बहाल रखी गई है.

महेन्द्र बलारा को उम्रकैद की सजा (ETV Bharat Sikar)

परिवादी के एडवोकेट के अनुसार, 5 अप्रैल, 2006 को एसके काॅलेज के सामने सेवनआर्ट टेलर की दुकान पर दो बोलेरो गाड़ियों में 10-15 लोगों ने गोपाल फोगावट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिस पर कोतवाली थाना में परिवादी मनोज बाटड़ द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. इसमें पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन आरोपी महेन्द्र बलारा दौराने अन्वेषण पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था. जिसे कई वर्षों के बाद गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में पेश किया गया.

पढ़ें: हत्या के आरोपी पति को उम्रकैद, पत्नी से था नाराज, ससुराल में फेंका था बम - VERDICT IN MURDER CASE

परिवादी के एडवोकेट के अनुसार, न्यायाधीश ने महेन्द्र बलारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस प्रकरण में आरोपी बलबीर बानूड़ा, हरि बानूड़ा, मुकेश सौंथलिया, मुकेश खूड़, झाबरमल, किशोर नेहरा, रामपाल, गोविन्दराम, बजरंगलाल, राजेश बुरड़क और नेमा माली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने नेमा माली को छोड़कर अन्य आरोपियों की सजा बरकरार रखी है. वहीं आरोपी सांवरमल और परमेश्वर बगड़िया को संदेह का लाभ देकर बरी किया गया है.

फतेहपुर (सीकर): सीकर जिले के बहुचर्चित गोपाल फोगावट हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. परिवादी के अभिवक्ता मदनलाल कुमावत ने बताया कि न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रमांक 2 के न्यायाधीश सत्यप्रकाश सोनी द्वारा आरोपी महेन्द्र बलारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. बता दें कि गोपाल फोगावट हत्याकांड में पहले ही 10 आरोपियों को आजीवन की सजा सुनाई जा चुकी है. उक्त आरोपियों में से नेमा माली को छोड़कर 9 आरोपियों की सजा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बहाल रखी गई है.

महेन्द्र बलारा को उम्रकैद की सजा (ETV Bharat Sikar)

परिवादी के एडवोकेट के अनुसार, 5 अप्रैल, 2006 को एसके काॅलेज के सामने सेवनआर्ट टेलर की दुकान पर दो बोलेरो गाड़ियों में 10-15 लोगों ने गोपाल फोगावट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिस पर कोतवाली थाना में परिवादी मनोज बाटड़ द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. इसमें पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन आरोपी महेन्द्र बलारा दौराने अन्वेषण पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था. जिसे कई वर्षों के बाद गिरफ्तार किया गया और न्यायालय में पेश किया गया.

पढ़ें: हत्या के आरोपी पति को उम्रकैद, पत्नी से था नाराज, ससुराल में फेंका था बम - VERDICT IN MURDER CASE

परिवादी के एडवोकेट के अनुसार, न्यायाधीश ने महेन्द्र बलारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस प्रकरण में आरोपी बलबीर बानूड़ा, हरि बानूड़ा, मुकेश सौंथलिया, मुकेश खूड़, झाबरमल, किशोर नेहरा, रामपाल, गोविन्दराम, बजरंगलाल, राजेश बुरड़क और नेमा माली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने नेमा माली को छोड़कर अन्य आरोपियों की सजा बरकरार रखी है. वहीं आरोपी सांवरमल और परमेश्वर बगड़िया को संदेह का लाभ देकर बरी किया गया है.

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