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चट्टानों के बीच आपरूप प्रकट हुआ था शिवलिंग! बाबा जिरानाथ मंदिर की महिमा जानें, इस रिपोर्ट से - Sawan 2024

Significance of Baba Jiranath Temple. सावन माह भगवान शिव का महीना माना जाता है. इस पूरे माह शिवलिंग पर जलार्पण किया जाता है. गिरिडीह का बाबा जिरानाथ मंदिर में भी हर सावन खूब भीड़ लगती है. ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से जानें, बाबा जिरानाथ मंदिर का क्या है महत्व.

Significance of Baba Jiranath Temple of Giridih in the month of Sawan 2024
गिरिडीह का बाबा जिरानाथ मंदिर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 22, 2024, 9:13 PM IST

गिरिडीहः झारखंड के गिरिडीह और बिहार के जमुई जिला की सीमा पर बाबा जिरानाथ का मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर चट्टानों के बीच घिरा है. यहां के लोगों के अनुसार यहां पर सैकड़ों साल पहले आपरूपी शिवलिंग स्थापित हुआ था. इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. सावन के महीने में यहां शिवलिंग पर जल अर्पित करने दूर दूर से लोग आते हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः बाबा जिरानाथ मंदिर की महिमा (ETV Bharat)

बाबा जिरानाथ मंदिर, देवरी प्रखंड के गुनियाथर पंचायत में चोलखू नदी के किनारे स्थित है. बाबा भोले के इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. लोगों का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूर्ण अवश्य होती है.

चट्टानों के बीच बाबा भोलेनाथ विराजमान

यह मंदिर प्रकृति की गोद में स्थित है. एक तरफ नदी है तो चारों ओर जंगल. वहीं चट्टान के अंदर बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित है. इस क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि उन्हें पता नहीं है कि यहां पर बाबा कब विराजे हैं लेकिन दादा-परदादा भी इस मंदिर के संदर्भ में जानकारी देते रहे हैं. यह मंदिर आदि काल से है.

भाद्र पूर्णिमा पर उमड़ती है भीड़

सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि इस मंदिर में तो वैसे सालोंभर भीड़ रहती है. सावन के महीने में अधिक भीड़ रहती है लेकिन भाद्र पूर्णिमा के दिन यहां पर विशेष अनुष्ठान होता है, इस दिन लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लोग जागरण का भी आयोजन करते हैं. लोग कहते हैं कि बाबा की लीला अपरम्पार है.

इसे भी पढ़ें- गिरिडीह के हरिहरधाम में उमड़ी भक्तों की भीड़, सावन की पहली सोमवारी पर गुंजायमान हुआ माहौल - Harihar Dham in Giridih

इसे भी पढ़ें- सावन की पहली सोमवारी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे आम्रेश्वर धाम, बाबा भोलेनाथ का किया जलाभिषेक - Sawan 2024

इसे भी पढ़ें- सावन की पहली सोमवारीः दुमका के बासुकिनाथ धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब, जलाभिषेक के लिए लगी लंबी कतार - Crowd of devotees at Basukinath

गिरिडीहः झारखंड के गिरिडीह और बिहार के जमुई जिला की सीमा पर बाबा जिरानाथ का मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर चट्टानों के बीच घिरा है. यहां के लोगों के अनुसार यहां पर सैकड़ों साल पहले आपरूपी शिवलिंग स्थापित हुआ था. इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. सावन के महीने में यहां शिवलिंग पर जल अर्पित करने दूर दूर से लोग आते हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः बाबा जिरानाथ मंदिर की महिमा (ETV Bharat)

बाबा जिरानाथ मंदिर, देवरी प्रखंड के गुनियाथर पंचायत में चोलखू नदी के किनारे स्थित है. बाबा भोले के इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. लोगों का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूर्ण अवश्य होती है.

चट्टानों के बीच बाबा भोलेनाथ विराजमान

यह मंदिर प्रकृति की गोद में स्थित है. एक तरफ नदी है तो चारों ओर जंगल. वहीं चट्टान के अंदर बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित है. इस क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि उन्हें पता नहीं है कि यहां पर बाबा कब विराजे हैं लेकिन दादा-परदादा भी इस मंदिर के संदर्भ में जानकारी देते रहे हैं. यह मंदिर आदि काल से है.

भाद्र पूर्णिमा पर उमड़ती है भीड़

सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि इस मंदिर में तो वैसे सालोंभर भीड़ रहती है. सावन के महीने में अधिक भीड़ रहती है लेकिन भाद्र पूर्णिमा के दिन यहां पर विशेष अनुष्ठान होता है, इस दिन लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लोग जागरण का भी आयोजन करते हैं. लोग कहते हैं कि बाबा की लीला अपरम्पार है.

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