गिरिडीहः झारखंड के गिरिडीह और बिहार के जमुई जिला की सीमा पर बाबा जिरानाथ का मंदिर अवस्थित है. यह मंदिर चट्टानों के बीच घिरा है. यहां के लोगों के अनुसार यहां पर सैकड़ों साल पहले आपरूपी शिवलिंग स्थापित हुआ था. इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. सावन के महीने में यहां शिवलिंग पर जल अर्पित करने दूर दूर से लोग आते हैं.
बाबा जिरानाथ मंदिर, देवरी प्रखंड के गुनियाथर पंचायत में चोलखू नदी के किनारे स्थित है. बाबा भोले के इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलार्पण करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. लोगों का कहना है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूर्ण अवश्य होती है.
चट्टानों के बीच बाबा भोलेनाथ विराजमान
यह मंदिर प्रकृति की गोद में स्थित है. एक तरफ नदी है तो चारों ओर जंगल. वहीं चट्टान के अंदर बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित है. इस क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि उन्हें पता नहीं है कि यहां पर बाबा कब विराजे हैं लेकिन दादा-परदादा भी इस मंदिर के संदर्भ में जानकारी देते रहे हैं. यह मंदिर आदि काल से है.
भाद्र पूर्णिमा पर उमड़ती है भीड़
सामाजिक कार्यकर्ता अजीत शर्मा बताते हैं कि इस मंदिर में तो वैसे सालोंभर भीड़ रहती है. सावन के महीने में अधिक भीड़ रहती है लेकिन भाद्र पूर्णिमा के दिन यहां पर विशेष अनुष्ठान होता है, इस दिन लोगों की काफी भीड़ उमड़ती है. वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लोग जागरण का भी आयोजन करते हैं. लोग कहते हैं कि बाबा की लीला अपरम्पार है.
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