चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने मई में चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट समेत पंजाब व हरियाणा के सभी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर रखने के आदेश दिए थे. ताकि वह वकीलों और सुनने व बोल पाने में असमर्थ मुकद्दमे बाजों की अदालती कार्यवाही में मदद कर सकें. इसी सिलसिले में चंडीगढ़ में साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर नियुक्त किये गये हैं.
साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर नियुक्त:आंकड़ों के मुताबिक देश में मुक-बधिरों की अनुमानित संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है. वहीं चंडीगढ़ में इनकी संख्या 1500 से अधिक है. जिसमें 119 से अधिक छात्र हैं जो चंडीगढ़ के कई सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं. ऐसे में मुक-बधिर लोगों की साइन लैंग्वेज को समझने के लिए चंडीगढ़ के साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर नितेश शर्मा को इस काम के लिए चुना गया है. उन्हें पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की और से एक लेटर जारी किया गया है. जिसमें कोर्ट द्वारा उन वकीलों और सुनने व बोल पाने में असमर्थ लोगों के मुकदमे में कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है.
कोर्ट में साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर का काम: नितेश शर्मा ने बताया कि जिस भी केस में पीड़िता या आरोपी जो मूक-बधिर हो ऐसे में उस पीड़ित, गवाह या आरोपी जो साइन लैंग्वेज जानते होंगे. उनके बयान दर्ज करवाने के लिए, कोर्ट रूम में साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर जज की मौजूदगी में मूक-बधिर के हाव-भाव समझते हुए उससे साइन लैंग्वेज में बातचीत कर उसके बयान कोर्ट में रिकॉर्ड करवाता है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोर्ट रूम में जज और दोनों पक्षों के वकील, मूक-बधिर व्यक्ति और साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट मौजूद होते हैं. ऐसे में इस सब प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाती है.
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