बस्ती : जिले के छावनी इलाके में एनएच 28 पर चलती एंबुलेंस में कर्मियों ने महिला से रेप की कोशिश की. पति का ऑक्सीजन मास्क निकालकर उन्हें कचरे में फेंक दिया. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान पति की मौत हो गई. घटना 29 अगस्त की रात की है. महिला पति को लखनऊ से लेकर आ रही थी. पीड़िता ने एक सितंबर को तहरीर दी. लखनऊ की गाजीपुर पुलिस ने एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बस्ती पुलिस भी घटना की जांच कर रही है. लखनऊ पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने घटना को शर्मानक बताते हुए कार्रवाई की मांग सरकार से की है.
3.यू.पी के बस्ती जिले में प्राईवेट एम्बुलेंस चालक ने एक मरीज को ले जाते समय, उसकी पत्नी के साथ छेड़छाड व दुष्कर्म करने की कोशिश की, यह अति शर्मनाक है। जबकि उसके पति की मृत्यु हो गई है सरकार चालक के विरूद्ध सख्ती करे। जो यह बहुत जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) September 5, 2024
सिद्धार्थनगर जिले के बांसी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला के अनुसार कुछ दिनों से उसके पति की तबीयत खराब चल रही थी. परिवार के लोग पति को बस्ती मेडिकल कॉलेज ले गए थे. यहां स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने पर पति को लखनऊ रेफर कर दिया गया. लखनऊ मेडिकल कॉलेज में बेड न होने के कारण परिवार के लोगों ने पति को इंपीरिया न्यूरोसाइंस मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया.
इलाज में खर्च हो गए सारे रुपये, पति को घर ला रही थी : महिला ने बताया कि दो दिनों तक चले इलाज में ज्यादा रुपये खर्च हो गए. आगे का इलाज कराने के लिए परिवार के पास रुपये नहीं बचे. इसके बाद पति को यहां से डिस्चार्ज करा लिया. यहां से पति को घर ले जाने की तैयारी थी. अस्पताल में किसी ने उसे प्राइवेट एंबुलेंस का नंबर दे दिया. 29 अगस्त को वह पति को लेकर सिद्धार्थनगर में अपने गांव जा रही थी. पीड़िता ने बताया कि रास्ते में कुछ दूर चलने के बाद एंबुलेंस के चालक ने उसे आगे सीट पर बैठने के लिए कहा.
रास्ते में एंबुलेंस कर्मियों ने की छेड़खानी : आरोप है कि इस दौरान रास्ते में एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके साथी उसके साथ छेड़खानी करते रहे. रेप की कोशिश की. उसने लगातार विरोध किया. करीब 150 किमी की दूरी पर उन्होंने पति का ऑक्सीजन मास्क निकालकर उन्हें सुनसान जगह पर कचरे में फेंक दिया. इससे बीमार पति को चोट आई. ऑक्सीजन निकालने की वजह से उनकी तबीयत और खराब हो गई. एंबुलेंस में पीछे बैठे महिला के भाई ने 112 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने एंबुलेंस बुलाकर पति को सीएचसी हर्रिया में भर्ती कराया. यहां से फिर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. वहां पति की मौत हो गई.
एसपी बोले-एंबुलेंस कर्मियों से हुआ था विवाद : महिला ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में एक सिंतबर को तहरीर दी. पुलिस ने एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. बस्ती एसपी गोपाल चौधरी ने बताया कि छावनी थाना क्षेत्र में एंबुलेंस कर्मियों से विवाद हुआ था. एंबुलेंस वाले ने उन्हें वाहन से उतार दिया था. पुलिस ने बीमार शख्स को हर्रैया सीएचसी में भर्ती कराया था. वहां किसी ने घटना का जिक्र नहीं किया. डॉक्टरों से भी इस तरह की किसी घटना के बारे में कुछ नहीं बताया गया. इनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है.
एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरे की तलाश जारी
लखनऊ: वहीं चली एंबुलेंस में महिला से छेड़छाड़ की कोशिश मामले में लखनऊ पुलिस को कामयाबी मिली है. महिला के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश करने वाला एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का नाम ऋषभ सिंह है और वह अयोध्या का रहने वाला है. उससे पूछताछ की जा रही है. एंबुलेंस लखनऊ आरटीओ में रजिस्टर है और एग्रीमेंट में हिमांशु नाम का व्यक्ति उसे संचालित करता है.
गाजीपुर कोतवाली प्रभारी विकास राय ने कहा कि, पीड़ित के दिए बयान के मुताबिक मामला बस्ती जनपद के छावनी कोतवाली का है. लेकिन महिला ने यहां शिकायती पत्र दिया था. चौकी इंचार्ज को मामले की जांच के लिए भेजा गया, जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई. जिसमें पुलिस ने ऋषभ सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उससे पूछताछ की जा रही है. उसके दूसरे साथी के बारे में भी जानकारी ली जा रही है.
अब पढ़िए घटना की पूरी कहानी, पीड़िता की जुबानी : महिला ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 'पति का लीवर काम नहीं कर रहा था. लखनऊ के निजी अस्पताल में पति के इलाज में एक ले डेढ़ लाख रुपये खर्च हो गए थे. कुछ फायदा नहीं हुआ. इस पर मैंने कहा कि हमारे पास और पैसे नहीं है. हम पति को घर ले जाएंगे. अस्पताल में एक महिला ने एंबुलेंस का नंबर दिया था. भाई ने एंबुलेंस वाले से बात की. सभी एंबुलेंस से घर आ रहे थे. कुछ दूर जाने के बाद एंबुलेंस चालक ने पंप पर पेट्रोल भरवाया. इसके बाद पुलिस चेकिंग के बहाने मुझे आगे बैठा लिया. जबकि भाई पति के साथ पीछे ही बैठा रहा'.
इसके बाद चालक इधर-उधर की बात करने लगा. कहने लगा कि फैजाबाद से निकल जाने के बाद वह पीछे बैठा देगा. चालक कह रहा था कि पति का इलाज करा लो. मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है. इलाज की वजह से मैंने खेत-खलिहान भी हटा दिया है. बहुत इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ. इसके बाद वह छेड़खानी करने लगा. कहने लगा कि फैजाबाद के बाद वह पीछे बैठा देगा.
रुपये, कपड़े और कागजात लेकर फरार : महिला ने बताया कि छोटी छावनी में मैंने शोर मचाया. इसके बाद मुझे उतार कर भाई को आगे की सीट पर बैठाकर गेट लॉक कर दिया. फिर पति को उठाकर कचरे में फेंका. इसके बाद पैसा, इलाज के कागजात, कपड़े आदि लेकर सब फरार हो गए. इसके बाद भाई ने पुलिस को जानकारी दी.
बंगाल की तर्ज पर यूपी सरकार भी कानून लाएः वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और बहुत ही शर्मनाक घटना है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ आए दिन इस प्रकार की शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं. इसको रोकने के दो तरीके हैं. एक तो सरकार पुलिस विभाग के 112 नंबर जिसे अखिलेश यादव ने 100 नंबर कर दिया था और जिसका रिस्पांस टाइम बहुत ही काम था. महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को रोकने में 100 नंबर पर तैनात पुलिस का बेहतरीन प्रदर्शन रहा है. लेकिन अब उत्तर प्रदेश में आए दिन इस प्रकार के जघन्य अपराध की घटनाएं हो रही हैं, जो कहीं ना कहीं सरकार के कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है. उन्होंने कहा कि दूसरा तरीका यह है कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर कानून लाया है, इसी तरह से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध पर यूपी सरकार भी एक ऐसा कानून बनाए. जिस में सख्त से सख्त सजा का प्रावधान हो और महिलाएं उसका कानून के जरिए अपने आप को सुरक्षित महसूस करें.
(दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, शारीरिक शोषण, सेक्सुअल हमले से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्प्ष्ट दिशा-निर्देश हैं कि किसी भी सूरत में पीड़िता की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। उसी के अनुपालन में पीड़ित महिला की पहचान उजागर नहीं की गई है.)