जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसओजी ने आज गुरुवार को कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. एसओजी की ओर से पेश की गई 2,369 पेज की चार्जशीट में 17 ट्रेनी एसआई और पेपर लीक के मास्टरमाइंड जगदीश ज्याणी सहित कुल 25 आरोपियों पर आरोप तय किए गए हैं. अब इन आरोपों के आधार पर न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. दरअसल, आज एसओजी के अधिकारियों के नेतृत्व में 15 सदस्यों की एक टीम चार्जशीट की कॉपियां लेकर कोर्ट पहुंची और मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (जयपुर महानगर-2) में चार्जशीट पेश की गई है. अब 4 मई को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होगी.
अब तक 36 ट्रेनी एसआई हो चुके गिरफ्तार : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी ने अब तक 36 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड जगदीश ज्याणी सहित 7 अन्य आरोपियों को पेपर लीक के आरोप में एसओजी ने दबोचा है. इस मामले से जुड़े कुछ आरोपियों के विदेश भागने की भी जानकारी है. इस मामले में 11 ट्रेनी एसआई और एक कांस्टेबल को कोर्ट ने 12 अप्रैल को जमानत दे दी थी. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने आरोपियों की रिहाई पर रोक लगा दी थी. अब इस मामले में हाईकोर्ट में 6 मई को सुनवाई होनी है.
यह है पूरा मामला : एसआई भर्ती का पेपर लीक होने और डमी अभ्यर्थी बिठाने की जानकारी मिलने पर एसओजी ने जांच आगे बढ़ाई और ट्रेनिंग ले रहे 36 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया. इस बीच पेपर लीक गिरोह का मास्टरमाइंड जगदीश ज्याणी भी एसओजी के हत्थे चढ़ गया. एसओजी ने पेपर लीक मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पड़ताल में सामने आया कि जयपुर के एक परीक्षा केंद्र से पेपर चुराकर वाट्सएप के जरिए गिरोह के सरगना जगदीश तक पहुंचाया गया. उसने अपने नेटवर्क के जरिए यह पर्चा कई अभ्यर्थियों को दिया था.
इनके खिलाफ पेश किया चालान : जगदीश विश्नोई, भूपेन्द्र सारण, राजेश खंडेलवाल, शिवरतन मौठ, नरेश कुमार खिलेरी, सुरेन्द्र कुमार विश्नोई, करणपाल गोदारा, विवेक भामू, मनोहर लाल विश्नोई, गोपीराम, श्रवण कुमार विश्नोई, रोहिताश कुमार, प्रेमसुखी, एकता, भगवती विश्नोई, नारंगी कुमारी, राजेश्वरी, चंचल कुमारी, शिक्षक राजेन्द्र कुमार यादव, लाइब्रेरियन राजेन्द्र कुमार, हर्षवर्धन कुमार मीणा, जगदीश सियाग, इंदूबाला, अनिल कुमार और अशोक सिंह नाथावत, जबकि 5 दर्जन से अधिक के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है. गौरतलब है कि चालान का अदालत की ओर से परीक्षण करने के बाद अदालत उसे स्वीकार करने पर निर्णय करेगी. अदालत के आरोप पत्र स्वीकार करने के बाद मुकदमें की सुनवाई विधिवत रूप से शुरू की जाएगी.