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मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा, सात दिवसीय महायज्ञ संपन्न - Puja In Masaurhi

Puja In Masaurhi: पटना के मसौढ़ी स्थित तारेगना के देवी मंदिर में श्री शत चंडी माता रानी की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस दौरान पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोचरण के साथ पूजा किया गया. जिसके बाद आज से मां के पट को खोल दिया गया है. आज से सभी श्रद्धालु मां की पूजा कर पाएंगे.

Puja In Masaurhi
मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 15, 2024, 2:26 PM IST

मसौढ़ी: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के तारेगना कुमहर टोली स्थित प्राचीन देवी मंदिर में मां भगवती श्री शत चंडी माता रानी की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा किया गया. इससे पहले माता रानी को पूरे शहर में नगर भ्रमण कराया गया था. इस दौरान सैकड़ों लोग ने शोभा यात्रा में भाग लिया था. वहीं, सोमवार को विधिवत तौर पर प्राचीन देवी मंदिर में श्री शत चंडी माता रानी के प्रतिमा कr प्राण प्रतिष्ठा की गई.

Puja In Masaurhi
मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा

सात दिवसीय महायज्ञ संपन्न: सोमवार को श्री शत चंडी महायज्ञ सात दिवसीय हवनात्मक कार्यक्रम संपन्न हो गया. इस दौरान मां देवी के आठों रूप बनाकर पिंडी का सहस्त्र स्नान कराकर पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए मां भगवती की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस दौरान मंदिर में मौजूद अयोध्या से आए आचार्य रामानुज ने कहा कि इस नवनिर्मित देवी मंदिर में मां के आठ रूपों का स्थापना विधिवत रूप से किया गया है. यहां भगवती माई विराजमान होगी. हर एक रूप मां का निराकार है, जिसमें आज प्राण को फूंक दिया गया है, उनका आह्वान किया गया है.

मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा

वैदिक मंत्रो उच्चारण के साथ हुई पूजा: उन्होंने बताया कि पिछले 6 दिनों से चल रहे अन्ना दिवस के दौरान 1000 नदियों के जल 1000 पेड़ों के पत्ते और पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रो उच्चारण के साथ सहस्त्र स्नान चंडी माई का प्राण प्रतिष्ठा किया गया है. मां के आह्वान के लिए महायज्ञ की गई. आज पूरे पूजा को संपन्न कर दिया गया है. इसके बाद भंडारा का आयोजन किया गया है.

"तरेगना कुमहरटोली स्थित देवी मंदिर में श्री शत चंडी देवी माई के प्रतिमा का पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा किया गया है. इससे पहले मां देवी का आह्वान करते हुए महायज्ञ अनुष्ठान किया गया था. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोचरण के साथ पूजा किया गया. अब विधवात रूप से आम जन के लिए यह मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा. जहां लोग पूजा आसन कर सकेंगे." - धर्मेंद्र कुमार सिंह, यज्ञ प्रबंधन कमेटी, मसौढ़ी

इसे भी पढ़े- मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की प्राण प्रतिष्ठा से पहले निकली शोभायात्रा, डोली पर बिठाकर कराया गया नगर भ्रमण - Shobha Yatra In Masaurhi

मसौढ़ी: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के तारेगना कुमहर टोली स्थित प्राचीन देवी मंदिर में मां भगवती श्री शत चंडी माता रानी की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा किया गया. इससे पहले माता रानी को पूरे शहर में नगर भ्रमण कराया गया था. इस दौरान सैकड़ों लोग ने शोभा यात्रा में भाग लिया था. वहीं, सोमवार को विधिवत तौर पर प्राचीन देवी मंदिर में श्री शत चंडी माता रानी के प्रतिमा कr प्राण प्रतिष्ठा की गई.

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मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा

सात दिवसीय महायज्ञ संपन्न: सोमवार को श्री शत चंडी महायज्ञ सात दिवसीय हवनात्मक कार्यक्रम संपन्न हो गया. इस दौरान मां देवी के आठों रूप बनाकर पिंडी का सहस्त्र स्नान कराकर पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए मां भगवती की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस दौरान मंदिर में मौजूद अयोध्या से आए आचार्य रामानुज ने कहा कि इस नवनिर्मित देवी मंदिर में मां के आठ रूपों का स्थापना विधिवत रूप से किया गया है. यहां भगवती माई विराजमान होगी. हर एक रूप मां का निराकार है, जिसमें आज प्राण को फूंक दिया गया है, उनका आह्वान किया गया है.

मसौढ़ी में श्री शत चंडी माता रानी की हुई प्राण प्रतिष्ठा

वैदिक मंत्रो उच्चारण के साथ हुई पूजा: उन्होंने बताया कि पिछले 6 दिनों से चल रहे अन्ना दिवस के दौरान 1000 नदियों के जल 1000 पेड़ों के पत्ते और पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रो उच्चारण के साथ सहस्त्र स्नान चंडी माई का प्राण प्रतिष्ठा किया गया है. मां के आह्वान के लिए महायज्ञ की गई. आज पूरे पूजा को संपन्न कर दिया गया है. इसके बाद भंडारा का आयोजन किया गया है.

"तरेगना कुमहरटोली स्थित देवी मंदिर में श्री शत चंडी देवी माई के प्रतिमा का पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा किया गया है. इससे पहले मां देवी का आह्वान करते हुए महायज्ञ अनुष्ठान किया गया था. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोचरण के साथ पूजा किया गया. अब विधवात रूप से आम जन के लिए यह मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा. जहां लोग पूजा आसन कर सकेंगे." - धर्मेंद्र कुमार सिंह, यज्ञ प्रबंधन कमेटी, मसौढ़ी

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