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25 या 26 अगस्त ? किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी, आइए दूर करें आपकी कन्फ्यूजन - Janmashtami 2024

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 1:54 PM IST

Updated : Aug 24, 2024, 2:55 PM IST

Shree Krishna Janmashtami 2024: इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व अगस्त माह में मनाया जा रहा है. देशभर के कृष्ण मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस साल जन्माष्टमी की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन है तो आइए आपकी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं. जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी जनाने के लिए पढ़ें पूरी खबर....

Shree Krishna Janmashtami 2024
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024 (ETV Bharat GFX)

कुल्लू: देश में हर साल धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी का त्योहार अगस्त माह में ही मनाया जा रहा है. जिसे लेकर मंदिरों में तैयारियां भी शुरू हो गई है. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है. आइए आपकी कन्फ्यूजन दूर करते हैं और जानते हैं कि आखिर किस दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा.

25 या 26 अगस्त किस दिन जन्माष्टमी पर्व?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भादो मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को हुआ था. वहीं, पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 अगस्त को सुबह 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा.

इस साल कौन सा जन्मोत्सव मनाया जाएगा?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 27 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. ऐसे में हिंदू शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट के बाद किया जाएगा.

कई नामों से जानी जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इस दिन श्री कृष्ण भगवान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती और श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है.

विदेशों में श्री कृष्ण की महिमा का बखान

भारत वर्ष के साथ-साथ अब विदेशों में भी भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान हो रहा है. ऐसे में माखन चोर, नंद किशोर सहित अन्य नामों से प्रसिद्ध भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 26 अगस्त को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इसके लिए सभी कृष्ण मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं और कृष्ण भक्त भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म माता देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में हुआ था. मथुरा के राक्षस राजा कंस देवकी के भाई थे. उसने अपनी बहन और उसके पति को पकड़ कर उन्हें जेल में डाल दिया था. ताकि वह उनके 7वें बेटे यानि कृष्ण को भी मार सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब उनके आठवें बच्चे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो पूरा महल गहरी नींद में सो गया. जेल के दरवाजे खुल गए और वासुदेव ने बच्चे को बचाकर वृन्दावन में नंद बाबा और यशोदा के घर पहुंचा दिया.

इसके बाद वासुदेव एक बच्ची के साथ महल में लौट आए और उसे कंस को सौंप दिया. जब दुष्ट राजा ने बच्ची को मारने की कोशिश की तो वह दुर्गा में बदल गई और उसे उसके विनाश के बारे में चेतावनी दी. इस तरह कृष्ण वृंदावन में बड़े हुए और बाद में अपने मामा कंस का वध किया. इसी कारण भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: पर्दे पर कान्हा का क्यूट किरदार कर चुके हैं ये बाल कलाकार, आपका कौन सा है फेवरेट?

ये भी पढ़ें: जानें, किन राशियों से जुड़े लोगों को विरोधियों व प्रतिस्पर्धियों से रहना होगा सावधान

कुल्लू: देश में हर साल धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल जन्माष्टमी का त्योहार अगस्त माह में ही मनाया जा रहा है. जिसे लेकर मंदिरों में तैयारियां भी शुरू हो गई है. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है. आइए आपकी कन्फ्यूजन दूर करते हैं और जानते हैं कि आखिर किस दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा.

25 या 26 अगस्त किस दिन जन्माष्टमी पर्व?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भादो मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को हुआ था. वहीं, पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 अगस्त को सुबह 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा.

इस साल कौन सा जन्मोत्सव मनाया जाएगा?

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 27 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. ऐसे में हिंदू शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट के बाद किया जाएगा.

कई नामों से जानी जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इस दिन श्री कृष्ण भगवान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती और श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है.

विदेशों में श्री कृष्ण की महिमा का बखान

भारत वर्ष के साथ-साथ अब विदेशों में भी भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान हो रहा है. ऐसे में माखन चोर, नंद किशोर सहित अन्य नामों से प्रसिद्ध भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 26 अगस्त को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इसके लिए सभी कृष्ण मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं और कृष्ण भक्त भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म माता देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में हुआ था. मथुरा के राक्षस राजा कंस देवकी के भाई थे. उसने अपनी बहन और उसके पति को पकड़ कर उन्हें जेल में डाल दिया था. ताकि वह उनके 7वें बेटे यानि कृष्ण को भी मार सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जब उनके आठवें बच्चे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो पूरा महल गहरी नींद में सो गया. जेल के दरवाजे खुल गए और वासुदेव ने बच्चे को बचाकर वृन्दावन में नंद बाबा और यशोदा के घर पहुंचा दिया.

इसके बाद वासुदेव एक बच्ची के साथ महल में लौट आए और उसे कंस को सौंप दिया. जब दुष्ट राजा ने बच्ची को मारने की कोशिश की तो वह दुर्गा में बदल गई और उसे उसके विनाश के बारे में चेतावनी दी. इस तरह कृष्ण वृंदावन में बड़े हुए और बाद में अपने मामा कंस का वध किया. इसी कारण भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है.

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Last Updated : Aug 24, 2024, 2:55 PM IST
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