लातेहारः शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने की खबर अक्सर सामने आती रहती हैं. इसका सबसे अधिक खामियाजा गरीब और ग्रामीण तबके के छात्रों को भुगतना पड़ता है, लेकिन लातेहार प्रशासन ने शिक्षकों की कमी की समस्या को दूर करने का रास्ता निकाल लिया है. लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जिले में एक अनोखी पहल की है. इससे ना केवल स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी होगी, बल्कि स्थानीय योग्यता धारी लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा.
लातेहार में स्कूलों के अनुपात में हैं काफी कम शिक्षक
दरअसल, लातेहार में पदस्थापना के बाद डीसी हिमांशु मोहन ने समीक्षा और फील्ड विजिट के दौरान पाया था कि लातेहार जिले में शिक्षकों की भारी कमी है. जिले में 1200 से अधिक स्कूल हैं, लेकिन स्कूलों के अनुपात में शिक्षकों की भारी कमी है. इस कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हो रही है. जिले में 100 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां मात्र एक शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसके अलावा कई ऐसे मिडिल स्कूल हैं, जहां सिर्फ दो शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था क्या होगी. शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को ना तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाती है. और ना ही विद्यालय में ही बेहतर शिक्षा का माहौल बन पाता है.
डीसी ने की पहल, शिक्षकों की कमी होगी पूरी
लातेहार जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को हो रही समस्याओं को देखते हुए डीसी हिमांशु मोहन ने एक अनोखी पहल की है. जिससे अब विद्यालयों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी. लातेहार डीसी हिमांशु मोहन ने जिले में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए एक बेहतर पहल करते हुए स्थानीय स्तर पर लगभग 200 योग्यताधारी लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में फैलोशिप देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. योग्यता के आधार पर ऐसे लोगों को स्थानीय स्तर पर स्कूलों में शिक्षक के रूप में इंटर्नशिप मिलेगा.
स्थानीय अभ्यर्थियों को मिलेगा रोजगार
इस संबंध में डीसी हिमांशु मोहन ने ईटीवी भारत को बताया कि जिले में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर लगभग 200 ट्रेंड लोगों को आगामी 2 वर्षों के लिए फेलोशिप दिया जा रहा है. इनमें 100 वैसे लोग होंगे जिन्हें कक्षा 1 से 5 तक के लिए फेलोशिप दिया जाएगा. इन्हें इसके एवज में प्रतिमाह 18 हजार रुपए दिए जाएंगे, जबकि 100 अन्य लोगों को कक्षा 6 से 8 तक के लिए फेलोशिप मिलेगा. इन्हें प्रतिमाह 20 हजार रुपए मिलेगा.
योग्यता के आधार पर अभ्यर्थियों का होगा चयन
फेलोशिप के लिए शिक्षकों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया जाएगा. स्थानीय योग्य उम्मीदवारों को साक्षात्कार के आधार पर चयनित किया जाना है. इनमें कक्षा 6 से 8 तक के लिए जिन 100 शिक्षकों का चयन होना है, उनमें 40 शिक्षक गणित विषय के, 40 शिक्षक विज्ञान विषय के और 20 शिक्षक अंग्रेजी विषय के होंगे. इनके लिए योग्यता संबंधित विषय में स्नातक के साथ-साथ बीएड की डिग्री अनिवार्य होगी. वहीं कक्षा 1 से 5 तक के लिए जिन 100 शिक्षकों का चयन किया जाना है. उनकी योग्यता कम से कम इंटरमीडिएट और टीचर ट्रेनिंग की दो वर्षीय डिप्लोमा होना अनिवार्य है.
प्रशासन ने आवेदन आमंत्रित किया
इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा आवेदन भी आमंत्रित किया गया है. यह आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से देना है. सबसे पहले आवेदकों को ऑनलाइन फॉर्म भरना है. उसके बाद हार्ड कॉपी शिक्षा विभाग में जमा करना है. ऑनलाइन आवेदन के लिए https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfmmESvtahA7VMK8lRaGpCIQWaBS95HV5_Lz2FRDki3VljGuQ/viewform पर फॉर्म भरा जा सकता है.
छात्रों के साथ-साथ योग्यता धारी अभ्यर्थियों को होगा फायदा
डीसी हिमांशु मोहन की इस अनोखी पहल का फायदा छात्रों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर योग्यताधारी लोगों को भी होगा. योग्यताधारी लोगों को उनके घर के आस-पास ही 2 वर्षों के लिए शिक्षण कार्य का फैलोशिप मिल जाएगा. जिससे उन्हें आमदनी भी होगी और बच्चों को शिक्षा देने का तजुर्बा भी मिलेगा. लातेहार डीसी हिमांशु मोहन कि यह पहल लातेहार जिले में बुनियादी शिक्षा के सुधार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा. उपायुक्त की यह पहल गरीब और ग्रामीण छात्रों को बेहतर शिक्षा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में क्रांति साबित होगी.
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