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हिमाचल में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना चरण-2 की मिली मंजूरी, केंद्र सरकार के पास साल 2018 से थी लंबित - Shongtong Karcham HEP

Shongtong Karcham in Kinnaur: हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से दूसरे चरण में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के लिए करीब 85 बीघा जमीन के उपयोग की स्वीकृति मिली है. जिसके चलते अब जल्द ही परियोजना का कार्य शुरू किया जाएगा.

Shongtong-Karcham Hydroelectric Project
शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 31, 2024, 2:23 PM IST

शिमला: देश में दूसरे राज्यों को रोशन करने वाले हिमाचल के हिस्से एक और बड़ी कामयाबी आई है. केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम चरण-2 के तहत किन्नौर जिले में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के लिए करीब 85 बीघा जमीन के उपयोग की स्वीकृति प्रदान कर दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ये स्वीकृति केंद्र सरकार के पास वर्ष 2018 से लंबित थी. प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है. उन्होंने कहा कि परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण के लिए इस भूमि की आवश्यकता थी.

नवंबर 2026 तक पूरा होना है कार्य

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने कड़े प्रयास करते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रथम चरण की स्वीकृति 19 मार्च, 2024 को प्रदान की गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों व शर्तों की अनुपालना रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी और केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति के लिए आग्रह किया. सीएम ने कहा कि शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी. जो राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी. 450 मेगावाट शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2012 में अवॉर्ड किया था, जो नवंबर 2026 तक पूरा होना है.

ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए एक ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है. परियोजना का कार्य समय पर पूरा करने के लिए ट्रांसमिशन की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो. सीएम सुक्खू ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ जल विद्युत का दोहन करना प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला प्रमुख क्षेत्र है. राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों से प्रदेश में हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. जिससे ये प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल वन निगम के इस ऑफिस ने सिर्फ टेंडर फार्म बेचकर कमाए लाखों रुपये, 72 लाख की सेविंग भी

शिमला: देश में दूसरे राज्यों को रोशन करने वाले हिमाचल के हिस्से एक और बड़ी कामयाबी आई है. केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम चरण-2 के तहत किन्नौर जिले में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के लिए करीब 85 बीघा जमीन के उपयोग की स्वीकृति प्रदान कर दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ये स्वीकृति केंद्र सरकार के पास वर्ष 2018 से लंबित थी. प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है. उन्होंने कहा कि परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण के लिए इस भूमि की आवश्यकता थी.

नवंबर 2026 तक पूरा होना है कार्य

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने कड़े प्रयास करते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से उठाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रथम चरण की स्वीकृति 19 मार्च, 2024 को प्रदान की गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों व शर्तों की अनुपालना रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी और केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति के लिए आग्रह किया. सीएम ने कहा कि शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी. जो राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी. 450 मेगावाट शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2012 में अवॉर्ड किया था, जो नवंबर 2026 तक पूरा होना है.

ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए एक ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है. परियोजना का कार्य समय पर पूरा करने के लिए ट्रांसमिशन की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो. सीएम सुक्खू ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ जल विद्युत का दोहन करना प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला प्रमुख क्षेत्र है. राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों से प्रदेश में हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है. जिससे ये प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सके.

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