शिवपुरी/ग्वालियर। भाजपा की फायरब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शनिवार को ग्वालियर से भोपाल जाते वक्त शिवपुरी में थोड़ी देर के लिए रुकीं. ग्वालियर व शिवपुरी में उमा भारती ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान पार्टी के नेताओं ने उमा भारती का जोरदार स्वागत किया. मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा के 400 पार नारे पर उमा भारती ने कहा कि 400 पार क्यों नहीं हो पाए इसका जवाब तो जेपी नड्डा देंगे. साथ ही उमा भारती ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ की.
राम मंदिर कभी नहीं था चुनावी मुद्दा
भोपाल जाने के दौरान शिवपुरी में रुकीं उमा भारती ने कहा कि ''मैं चाहती थी कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 500 सीटें जीते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. जरूरी नहीं है कि हर मनोकामना पूरी हो लेकिन 400 पार क्यों नहीं हो पाए, इसका जवाब तो जेपी नड्डा देंगे. जहां तक उत्तर प्रदेश की हार की बात है तो समीक्षा करनी चाहिए और समीक्षा की भी जा रही है. मुझसे मेरी राय पूछी जाएगी तो मैं जरूर बताऊंगी. जरूरी नहीं कि जो भाजपा को वोट नहीं देता वह राम भक्त नहीं है, वो भी राम भक्त हैं. राम हमारे हृदय में थे, हैं और हमेशा रहेंगे. राम मंदिर ना कभी चुनावी मुद्दा था, ना है और ना रहेगा. रही बात अयोध्या के साथ काशी और मथुरा की, तो वह भी हम एक हिंदू होने के नाते उठाते रहेंगे.''
समीक्षा वाली टीम में मैं नहीं हूं शामिल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तारीफ करते हुए उमा भारती बोलीं कि ''ऐसा पहली बार हुआ है कि एमपी में भाजपा 29 में से 29 सीटें जीती है. इससे पहले जब मैं मुख्यमंत्री थी तब सबसे ज्यादा 29 में से 25 सीटें जीती थी. तब से जीत का आंकड़ा बढ़ता ही गया और इस बार मोहन यादव के नेतृत्व में 29 में से 29 सीटे भाजपा ने जीती हैं.'' लोकसभा चुनाव में 400 सीट नहीं मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ''मेरी इच्छा 500 पार की थी, लेकिन भगवान हर इच्छा पूरी थोड़ी करता है. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आपको प्रधान सेवक और हम सबने मोदी का परिवार कह रहे थे इसलिए भाजपा को अहंकारी कहना गलत है. इसके बावजूद मनसा अनुरूप सीटें नहीं आईं इसलिए इसकी समीक्षा भाजपा करेगी, क्योंकि मैं समीक्षा करने वाली टीम में शामिल नहीं हूं इसलिए 400 की जगह 240 सीटें आने का कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा ही बता पाएंगे.''
ग्वालियर में बोलीं उमा भारती
शिवपुरी से पहले ग्वालियर में पत्रकारों से पूर्व मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए कहा कि सार्वजनिक पदों पर रहने वाले जनप्रतिनिधियों को टैक्स काटकर ही भुगतान होना चाहिए. अल्प प्रवास पर ग्वालियर आईं उमा भारती ने कहा कि ''सरकारी अस्पतालों और स्कूलों का फायर ऑडिट होना चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाले हादसों से बचा जा सके. सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बेहतर हों, अस्पतालों में मरीजों को दवाई और उनकी जांचें निशुल्क हों. इस दिशा में सरकार को और ज्यादा कदम उठाने चाहिए.''
उमा 2 साल तक क्यों नहीं लड़ेंगी चुनाव
अपने राजनीतिक जीवन को लेकर उन्होंने साफ किया कि ''फिलहाल 2 साल तक मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगी. न ही राज्यसभा में जाने की कोशिश करूंगी, क्योंकि अभी गंगा सफाई का अभियान चल रहा है. इसमें अभी बहुत कम होना बाकी है.'' उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव द्वारा फैजाबाद से जीते अपने सांसद अवधेश प्रसाद को अयोध्या का राजा बताना गलत है. यह हमारे पूर्वजों का अपमान है. इस बात से यह समझ आता है कि अखिलेश यादव का हमारे पूर्वजों और परंपराओं के लिए कितना सम्मान है. उमा भारती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को सलाह दी कि वह अपने जुबान पर कंट्रोल रखें. उनकी जुबान ही उनका सबसे ज्यादा नुकसान करती आई है. पहले वह भोपाल से प्रज्ञा सिंह से हारे. अब राजगढ़ से भाजपा नेता रोडमल नागर से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
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'सोच समझकर बोलें दिग्विजय'
भगवान राम और कृष्ण की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को सोच समझकर बोलना चाहिए. दरअसल दिग्विजय सिंह ने भगवान राम और श्री कृष्ण को पाठ्यक्रम में शामिल करने के बाद सभी धर्म के महापुरुषों और आराध्यों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही थी. इस पर उमा भारती ने कहा कि मुस्लिम और ईसाई धर्म 2000 साल पुराना है जबकि भगवान राम इस देश की आत्मा है और वह सभी धर्म के पूर्वज हैं.