शिवपुरी: जिले की करैरा विधानसभा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. ग्रामीणों को सिरसौद के श्मशान घाट में कचरे के ढेर में सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटने के लिए आई ड्रेसों के बंडल मिले हैं. नई यूनिफॉर्म के बंडल इस तरह से शमशान घाट में मिलना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है.
कचरे के ढेर में पड़ी थी बच्चों की यूनिफॉर्म
उल्लेखनीय की सरकारी स्कूलों में कहीं एक साल की ड्रेस तो कहीं दो साल की ड्रेस बच्चों को बांटा जाना है. बच्चे स्कूल ड्रेस के लिए तरस रहे हैं और जिले भर में सैंकड़ों स्कूलों के हजारों बच्चे बिना ड्रेस के ही स्कूल जा रहे हैं. इसी बीच शुक्रवार की सुबह जब कुछ ग्रामीण सिरसौद के श्मशान घाट के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्हें स्कूली यूनिफॉर्म के नए बंडल श्मशान घाट के पास कचरे के ढेर में पड़े मिले. इन बंडलों में स्कूल की सफेद शर्ट, नीली पेंट और छात्राओं के स्कर्ट शामिल हैं. कुछ ड्रेस खुली हुई भी पड़ी हुई थीं.
किसने फेंकी होगी यूनिफॉर्म
प्रथम दृष्टया आशंका जताई जा रही है कि यह काम स्कूल के स्टाफ ने किया होगा. ड्रेस किसी ऐसे शख्स ने फेंका होगा जिसका एक्सेस स्कूल के भीतर तक होगा. संभवत: यह ड्रेस स्कूल में बंटने के लिए आईं होंगी, लेकिन स्कूल के किसी स्टाफ ने ड्रेस बच्चों को वितरित करने की बजाय स्कूल में छिपा कर रख ली होगी. अब इन ड्रेसों को चुपचाप से शमशान घाट में ठिकाने लगाने के मकसद से फेंक दिया होगा. हालांकि जांच के बाद ही घटना का असल कारण सामने आएगा. माना जा रहा है कि यह ड्रेस सिरसौद या सिरसौद के आसपास स्थित किसी स्कूल से निकाली गई और यहां ठिकाने लगाई गई.
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डीपीसी ने कही जांच करवाने की बात
इस पूरे मामले में डीपीसी शिवपुरी डीएस सिकरवार का कहना है कि, ''अगर नई स्कूल यूनिफॉर्म श्मशान घाट में फेंकी गई हैं तो निश्चित तौर पर दंडनीय है. मैं करैरा बीआरसीसी को सिरसौद भिजवा कर मामले की जांच करवाता हूं. स्कूल यूनिफॉर्म के रंग सहित अन्य चीजाें से यह अनुमान भी लग जाएगा कि यह ड्रेस किस स्कूल की हो सकती है. मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.''