शिवपुरी: कोलारस वन परिक्षेत्र की सनवारा वीट के कक्ष क्रमांक 128, 129 में कुछ आदिवासियों ने करीब 20 साल से वनभूमि पर कब्जा कर रखा है. आरोपी है कि वह उस जमीन पर खेती कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. इसी क्रम में मंगलवार को वन विभाग का अमला आदिवासियों द्वारा किए गए कब्जे को हटाने पहुंचा और उनकी झोंपड़ियों सहित खेत पर हिताची चलाकर न सिर्फ खेती नष्ट कर दी, बल्कि आदिवासियों द्वारा विरोध किए जाने पर उन पर लाठियां भी बरसाईं.
आदिवासियों ने लगाए आरोप
आदिवासियों का कहना है कि, ''पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने उनके लिए यहां पर बोर भी लगवा दिया था. यह बात क्षेत्र में रहने वाले दबंगों को खलती है. अब लोग उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. इसी के चलते उन्होंने फारेस्ट की टीम के साथ मिलकर उनकी पिटाई करवाई है.'' आदिवासियों ने पुलिस को आवेदन दिया है कि, ''मारपीट में उनके 16 लोगों को चोटें आई हैं.''
ग्रामीणों ने किया वन स्टाफ पर हमला
वहीं दूसरी ओर वन विभाग की ओर से वन क्षेत्रपाल मंजू उईके ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है कि, ''सनवारा वीट के कक्ष क्रमांक 128, 129 में निर्माणाधीन वृक्षारोपण में अतिक्रमण कर बनाई गई टपरियों को हटाने की कार्यवाही के दौरान सियाराम आदिवासी एवं उनकी पत्नी ने परिक्षेत्र सहायक कोलारस-ब गिरीश नामदेव, कार्यवाहक वनपाल का गिरेबान पकड़कर झूमाझटकी की और मारपीट पर उतारू हो गये. वह शासकीय कार्यवाही में व्यवधान डालने लगे, जिससे परिक्षेत्र सहायक कोलारस-ब गिरीश नामदेव के गले में खरोंच आई है. इसके अलावा उनकी वर्दी फाड़ दी. इसी बीच सरवन आदिवासी एवं प्रहलाद आदिवासी भी पत्थर ले-लेकर आ गए और स्टाफ पर पथराव किया.''
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दोनों पक्षों के आवेदन पर जांच में जुटी पुलिस
सरवन आदिवासी द्वारा मारा गया पत्थर प्रहलाद आदिवासी को जाकर लगा जिससे उसके सिर से खून निकलने लगा. इसके अलावा वन स्टाफ में वन रक्षक रामचरण केवट, दिनेश सहरिया को भी चोटें आई हैं. पुलिस ने दोनों के आवेदनों पर जांच शुरू कर दी है. इस पूरे मामले में कोलारस थाना प्रभारी अजय जाट का कहना है, ''दोनों पक्षों के द्वारा आवेदन प्राप्त हुए हैं. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.''