बलरामपुर: जिले के प्रसिद्ध गर्म जल स्त्रोत यानी कि भगवान शिव के पावन धाम तातापानी में रविवार को भव्य शिवचर्चा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों से हजारों की तादाद में शिव भक्त पहुंचे. शिवचर्चा के दौरान महिलाएं, युवा, बच्चे बुजुर्ग शामिल हुए. सभी शिव भक्ती में डूबे नजर आए.
1980 के दशक में बिहार से हुई शुरुआत: हरिंद्रानंद साहब ने साल 1974 में शिव को अपने गुरू के रूप में स्वीकार किया, जिसके बाद सन 1980 के दशक में बिहार के मधेपुरा में हरिंद्रानंद साहब ने इसकी शुरुआत की. महज बारह साल की उम्र में ही महाराज की आध्यात्मिक रूचि उन्हें श्मशान लेकर गई. वहीं, छत्तीसगढ़ में बलरामपुर के सनावल में साल 2007 में शिव चर्चा महोत्सव का आयोजन हुआ था. स्वयं हरिंद्रानंद महाराज स्वयं यहां शिव चर्चा महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे. तब से लगातार क्षेत्र में शिव चर्चा महोत्सव कार्यक्रम आयोजित हो रहा है.
भगवान शिव से जुड़कर बढ़ता है युवाओं का आत्मबल: युवा वर्ग को लेकर शिव शिष्या दीदी बरखा आनंद ने कहा कि, "वर्तमान में युवा पीढ़ी को संस्कारवान और सकारात्मक चीजों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है. इससे समाज को बेहतर बनाया जा सकता है. भगवान शिव से जुड़कर युवाओं का आत्मबल बढ़ सकता है और वह अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. बलरामपुर जिले में आना-जाना तो बार-बार होगा. जब तक महादेव की बात चलती रहेगी, दुनिया में शिव के शिष्य शिव की बात कहते रहेंगे. महादेव का डंका बजे इसकी कामना है. भगवान शिव के साथ जुड़कर युवाओं का आत्मबल बढ़ सकता है."
छत्तीसगढ़ में 1999 से शुरू हुआ शिव चर्चा का प्रसार: जानकारी के मुताबिक बलरामपुर जिले के सनावल में साल 2007 में शिव चर्चा महोत्सव का आयोजन हुआ था. स्वयं हरिंद्रानंद महाराज भी स्वयं यहां शिव चर्चा महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. तब से लगातार क्षेत्र में शिव चर्चा महोत्सव का आयोजन हो रहा है.