इंदौर. मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के निर्देश पर आगामी सिंहस्थ (Simhasta 2028) मेले को दृष्टिगत रखते हुए शिप्रा नदी के शुद्धिकरण (Shipra river cleaning) का कार्य होगा. यह कार्य इंदौर जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है, लिहाजा शिप्रा शुद्धिकरण से संबंधित नगर निगम, जिला पंचायत और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की सामूहिक बैठक आयोजित की गई. बैठक में इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी और उसके जरिए शिप्रा नदी को अगले ढाई सालों में पूर्ण रूप से शुद्धि करने की कार्य योजना पर भी चर्चा की गई.
राज्य सरकार ने श्रिपा के लिए एक्सपर्ट्स को बुलाया
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, 'पिछले कई सालों से नगर निगम की ओर से नदियों के शुद्धिकरण को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. जिसमें नगर निगम द्वारा 11 एसटीपी और लगभग साढ़े चार सौ किलोमीटर की सीवर लाइन डालने का काम किया जाएगा, जिसकी लागत करीब 600 करोड़ होगी. जिला कलेक्टर ने आगे कहा, 'इस बार किसी तरह की कोई कमी ना हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से भी एक्सपर्ट को बुलाया गया है, जहां उनके विजिट के बाद आगे की कार्य योजना बनाई जाएगी.
बदलेगा सीवरेज सिस्टम
कलेक्टर ने कहा कि शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर पूरे शहर के सीवरेज सिस्टम को दो हिस्सों में बांटा जाएगा. इसके लिए भी प्लानिंग की जाएगी, ताकि सरस्वती व कान्ह नदी में सीवरेज का गंदा पानी न मिले. कलेक्टर ने कहा कि शहर में ऐसे भी एरिया है जहां पर नई कॉलोनी आ रही हैं. वे भी सीवरेज की प्लानिंग से छूट न जाएं, यह भी ध्यान में रखा जाएगा.
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ग्रामीण इलाकों में भी एसटीपी
कलेक्टर ने आगे कहा, 'शिप्रा नदी शुद्धिकरण के लिए ग्राम पंचायतों में भी कई काम शुरू कर दिए हैं. जहां बड़ी ग्राम पंचायतों में सीवरेज STP बनाने के निर्देश दिए हैं. सांवेर में भी एक एसटीपी बनाया जाएगा जिसका आगामी दिनों में कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इंदौर की सभी एजेंसी के सहयोग से हम नदियों में मिलने वाले सीवरेज के पानी को रोक सकते हैं, साथ ही इंडस्ट्रीज से निकलने वाला केमिकल युक्त गंदा पानी न छोड़ा जाए इसलिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निगरानी के लिए विशेष हिदायत दी है.