शिमला: हिमाचल विधानसभा में 27 फरवरी को हुए राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के बागी विधायकों को होटल में ठहराने के मामले में शिमला पुलिस ने 4 लोगों को बालूगंज थाने में तलब किया है. इनमें हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा और हिमाचल के दो पूर्व विधायकों का नाम शामिल है, जिन्हें शिमला पुलिस ने पूछताछ के लिए बालूगंज थान में तलब किया है. वहीं, बता दें कि मामले में हाईकोर्ट से कुछ आरोपियों को अग्रिम जमानत मिली हुई है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को होटलों में ठहराने और उनके खाने-पीने के बिलों के भुगतान मामले में इन सभी लोगों से पूछताछ की जा सकती है. मामले में इन लोगों के खिलाफ बालूगंज थाना में केस दर्ज हुआ है. मामले में सामने आए कुछ तथ्यों के आधार पर जांच की आंच हरियाणा और उत्तराखंड तक जा पहुंची है.
गौरतलब है कि हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग के बाद 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों को चंडीगढ़ के होटल में ठहराया गया था. इस दौरान आरोप लगा कि इनके खाने-पीने और ठहरने का लाखों का बिल एक फार्मा कंपनी ने भुगतान किया था. पुलिस पूछताछ के दौरान फार्मा कंपनी ने बड़ा खुलासा किया. कंपनी ने बताया कि पैसे के भुगतान में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी की भी भूमिका है. इसलिए तरुण को 13 जून को थाना बालूगंज में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया.
तरुण भंडारी वर्तमान में हरियाणा के सीएम नायब सैनी के प्रचार सलाहकार हैं. वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा को भी नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. उत्तराखंड में जिन होटलों में ये विधायक ठहरे थे, उनका बिल भरवाने का राकेश शर्मा पर भी आरोप है. इनके बिलों को भुगतान किस माध्यम से होटल संचालकों को किया गया, इसकी जांच चल रही है. इसके अलावा हिमाचल के दो पूर्व विधायकों को भी छानबीन में शामिल होने के लिए बुलाया गया है.
शिमला पुलिस ने कांग्रेस विधायक भुवनेश्वर गौड़ और संजय अवस्थी की शिकायत पर पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा और पूर्व विधायक आशीष शर्मा सहित अन्य के खिलाफ बालूगंज थाना में एफआईआर दर्ज की थी. गौड़ एवं अवस्थी की संयुक्त शिकायत में बताया गया कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों को प्रलोभन दिया गया है. इतना ही नहीं, बजट सत्र में वित्त विधेयक पास न हो और प्रदेश सरकार अस्थिर हो, इसकी भी साजिश भी रची गई. पुलिस मामले में जांच कर रही है.
बता दें कि 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के लिए वोटिंग हुई थी. जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन 6 विधायक राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और इंद्रदत्त लखनपाल ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था. जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो गई थी.
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