शिमला: राजधानी शिमला के आईजीएमसी अस्पताल की न्यू बिल्डिंग अग्निशमन विभाग की एनओसी के बिना ही चल रही है. नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी ने इसकी एनओसी रिपोर्ट को 15 दिनों के भीतर लेने के निर्देश दे दिए हैं. शुक्रवार को कमेटी ने आईजीएमसी अस्पताल में बने नए भवन का निरीक्षण किया. इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने नए भवन की ऊंचाई की जानकारी ली. जिसमें पाया गया कि भवन के बेसमेंट से लेकर टॉप तक इसकी लंबाई 58 मीटर है. इस बिल्डिंग में अस्पताल चलाया जा रहा है, लेकिन इसे अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं मिली है.
नगर निगम शिमला के एपी महबूब शेख ने बताया कि आईजीएमसी का 17 मंजिला भवन राजधानी का सबसे बड़ा भवन है. अस्पताल के न्यू ब्लॉक में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में आने वाले मरीज इसी भवन में ही इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. यहां सभी तरह की ओपीडी लगती हैं, लेकिन हैरानी वाली बात तो यह है कि काफी समय से अस्पताल चल रहा है, मगर अभी तक इसे फायर की एनओसी तक नहीं मिली है. इस भवन के नक्शे को 2011 में मंजूरी मिली थी. यह 2020 तक बन चुका था. बीते साल आईजीएमसी के इसी भवन की एटिक पर चल रही एक कैंटीन में आग लग गई थी. उस समय भवन को काफी नुकसान हुआ था. मरीजों की जान पर खतरा बन आया था.
नगर निगम की वीरवार को हुई सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में 26 नक्शों पर फैसला लिया गया. जिसमें आईजीएमसी अस्पताल का न्यू ब्लॉक शामिल था. जिसके कंप्लीशन को सशर्त मंजूरी दी गई है. इसमें कमेटी ने पाया कि अभी तक भवन में फायर की एनओसी नहीं ली गई है. इसलिए आईजीएमसी प्रशासन को 15 दिनों के भीतर एनओसी लेने के निर्देश दिए हैं. आईजीएमसी की नई बिल्डिंग के निरीक्षण के दौरान भवन की लंबाई 58 मीटर पाई गई. यह लंबाई 17 मंजिला भवन के धरातल से लेकर एटिक तक की है. भवन के लिए फायर का एनओसी लेने के निर्देश दिए गए हैं और इसके लिए लेटर भी भेज दिया गया है.