शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और आशीष शर्मा की तरफ से दायर मानहानि से जुड़े दीवानी मुकदमे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नोटिस जारी किया है. प्रार्थियों ने दो अलग-अलग मामलों में मुख्यमंत्री सुक्खू को उनके खिलाफ विवादित बयानबाजी करने से रोकने की मांग के लिए अदालत में अंतरिम राहत संबंधी आवेदन भी दायर किए हैं.
हाई कोर्ट से 17 मई को इन आवेदनों पर पहले भी मुख्यमंत्री सुक्खू को नोटिस जारी किया गया था. नोटिस की तामील की सूचना प्राप्त न होने के कारण हाईकोर्ट ने एक बार फिर से सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू को नोटिस जारी किया.
हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने नोटिस की तामील करवाने के लिए एक सप्ताह के अंदर जरूरी कदम उठाने के आदेश भी जारी किए. पूर्व विधायकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने भाषणों में बार-बार उन पर कीचड़ उछाला. कई अपमानजनक टिप्पणियां की जिससे उनकी मानहानि हुई है. प्रार्थियों के अनुसार, सीएम सुक्खू ने उन पर कई झूठे आरोप और गलत टिप्पणियां की हैं. दलील है कि उन पर करोड़ों रुपये में बिकने के झूठे आरोप लगाए गए और सबूत होने की बात फैलाई गई परंतु सीएम एक भी सबूत पेश नहीं कर पाए.
मुख्यमंत्री के बयान बाकायदा अखबार और टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित हुए हैं जिससे इन पूर्व विधायकों के अनुसार उनकी छवि, प्रतिष्ठा और मान की हानि हुई है. इसकी भरपाई के लिए प्रार्थियों ने मुख्यमंत्री पर 1 करोड़ 5 लाख रुपये की मानहानि के दो अलग-अलग दावे किए हैं. उल्लेखनीय है कि प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर अभी तक 6 पूर्व विधायकों और दो विधायकों ने मानहानि को लेकर दीवानी मुकदमे दायर किए हैं. मानहानि का दावा करने वालों में विधायक सुधीर शर्मा व इंद्र दत्त लखनपाल के साथ पूर्व विधायक रवि ठाकुर, राजिंदर सिंह राणा, दविंदर सिंह भुट्टो, होशियार सिंह, चैतन्य शर्मा और आशीष शर्मा शामिल हैं. इन सभी मामलों में प्रतिवादी सीएम सुक्खू पर कोर्ट से जारी नोटिस की तामील नहीं हो पाई है.
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