शिमला: संयुक्त किसान मंच के साथ किसान और बागवानों ने केंद्र ने केंद्र सरकार के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया. शिमला जिले में भी नारकंडा से कार रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों बागवान शामिल हुए. ये रैली ठियोग कुफरी होते हुए शिमला सचिवालय पहुंची. जहां बागवानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बागवान-किसानों ने केंद्र सरकार से किए गए वादों को पूरा करने की मांग की.
सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने कहा तीन वर्ष पहले संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन हुआ था. उस दौरान केंद्र सरकार से जो समझौता हुआ, उसकी एक भी मांग नहीं मानी गई है. पूरे देश में 26 जनवरी को वाहन और ट्रैक्टर रैली हो रही है. आज नारकंडा से प्रदेश सचिवालय तक वाहन रैली निकाली गई. उन्होंने कहा कि मौसम की बेरुखी के साथ बागवानों को सरकार की बेरुखी भी झेलनी पड़ रही है. सेब उत्पादन में बागवानों की लागत लगातार बढ़ रही है. दूसरी तरफ केंद्र ने एमआईएस का बजट घटा दिया है. सरकार उद्योगपतियों को अनुदान दे रही है, लेकिन बागवानों को सब्सिडी नहीं दी जा रही.
हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि किसानों ने जब तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन लड़ा तो, उस दौरान केंद्र ने किसानों पर बने केस वापस लेने और जिन किसानों की प्रदर्शन के दौरान मौत हुई थी, उन्हें मुआवजा देने, फसल का रेट तय करने का भरोसा दिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया.
सोहन ठाकुर ने बताया कि सरकार की नीतियों के साथ बागवान आज कुदरत की भी मार झेल रहा है. सूखे से बागवानों के सेब बगीचे और किसानों की फसलें चौपट होने की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में किसानों को मदद की जरूरत है. यहां मदद तो दूर उन्हें मिलने वाली सब्सिडी खत्म की जा रही है.
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