श्योपुर: पूरे दो साल से अधिक का समय भारत के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में गुजारने के बाद अब वह वक्त आ गया है. जब विदेश से भारत की धरती पर लाए गए चीतों को भी खुले जंगल में घूमने की आजादी मिलने जा रही है. चीता स्टीयरिंग कमेटी की इजाजत मिलने के बाद अब अक्टूबर महीने के आखिरी हफ्ते में चीतों को बाड़े से आजाद कर खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में छोड़े जा सकते हैं चीते
श्योपुर डीएफओ आर मुरुथल के मुताबिक 'चीतों को लेकर लिए जाने वाले सभी फैसले चीता स्टीयरिंग कमिटी के द्वारा लिए जाते हैं. उनके रिलीज करने की डेट अब तक नहीं दी गई है. हालांकि इसकी तैयारियां करने के निर्देश मिलने के बाद से ही व्यवस्थाएं बनायी जा रही है. मान सकते हैं कि इस महीने के आखिरी हफ्ते में चीता प्रॉजेक्ट के तहत लाए गए चीतों को छोड़ने का पहला फेज शुरू हो सकता है. तीन राज्यों में जहां इन चीतों के जाने की संभावना रहेगी. उन राज्यों के बीच भी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को लेकर बैठक हो चुकी है.'
दिवाली पर चीते देख सकेंगे पर्यटक!
यदि चीतों को इस महीने के आखिर में जंगल में छोड़ दिया जाता है, तो इसका बड़ा फायदा पर्यटन को भी होगा, क्योंकि पिछले दो वर्षों से पर्यटक चीतों के दीदार का इंतजार कर रहे हैं. अगर दीपावली से पहले चीते जंगल में छोड़ दिए जाते हैं, तो टिकट लेकर कूनो में सफारी करने वाले सैलानी भी जंगल में चीते देख सकेंगे.
पहले चरण में इन चीतों को मिलेगी आजादी
अब तक मिली जानकारी के अनुसार सभी चीतों को अलग-अलग फेज में छोड़ा जाएगा. सबसे पहले मेल चीता अग्नि और वायु रिलीज किए जाएंगे. इसके बाद इनकी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी. जंगल में वातावरण के अनुसार इनके बर्ताव को ऑब्जर्व किया जाएगा. अगर सब ठीक रहा आगे चरणों में अन्य वयस्क चीतों को भी जंगल में रिलीज किया जाएगा.
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भारत में हैं अभी 24 चीते
बता दें कि, सितंबर 2022 में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते भारत की धरा पर लाये गए थे. जिन्हें मध्य प्रदेश के कूनो वन अभ्यारण्य में चीता प्रोजेक्ट के तहत रखा गया था. जैसा कि योजना थी भारत में चीता शावकों का जन्म भी हुआ, लेकिन इस बीच भारत में जन्में 6 चीता शावकों और 2 चीतों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब भी भारत में चीतों की संख्या 24 है. आने वाले समय में भारत विदेश से और चीते भारत की धरती पर लाने की योजना पर काम कर रहा है.