शिवहरः पूर्व सांसद और जेडीयू नेता आनंद मोहन ने बांध टूटने को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा और कहा कि हर साल बाढ़ आने से पहले इसे रोकने की तैयारी के नाम पर करोड़ों खर्च करने के बावजूद लोग लापरवाही के कारण बाढ़ की त्रासदी झेलने को मजबूर हैं.
'राहत वितरण में न करें कंजूसी': शिवहर में जेडीयू कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए आनंद मोहन ने प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी कि वे बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत वितरण में कंजूसी न करें. बाढ़ के कारण लोगों को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि बाढ़ पीड़तों की पूरी मदद की जाय.
"शिवहर जिले में 29 सितंबर को आई बाढ़ के कारण बांध के किनारे आसपास के गांव सहित तरियानी छपरा में बांध टूटने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, उनके राहत वितरण में जिला प्रशासन कंजूसी नहीं करें."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
'इलाके में हुआ है भारी नुकसान': आनंद मोहन ने कहा कि बाढ़ की वजह से इलाके में लोगों की संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ से जहां हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हुई हैं तो हजारों घरों में पानी घुसने से काफी सामान भी बर्बाद हुए हैं. ऐसे में पीड़ितों को आपदा पीड़ित मानते हुए उसके अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए.
"सांसद लवली आनंद, विधायक चेतन आनंद ने शिवहर और सीतामढ़ी प्रशासन से बाढ़ से प्रभावित लोगों के बीच हरसंभव सहायता पहुंचाने की कोशिश की है. साथ ही वे लोगों को राहत दिलाने के लिए अधिकारियों के साथ लगातार बैठक भी कर रहे हैं."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
बाढ़ से हजारों की आबादी प्रभावितः बता दें कि बागमती नदी का बांध टूटने से शिवहर जिले के कई इलाकों में बाढ़ ने कहर बरपाया. बाढ़ के कारण जिले के तरियानी छपरा गांव में ही 3 हजार घरों में पानी भर गया था. इसके अलावा देकुली और धरमपुर में भी बाढ़ ने काफी तबाही मचाई.
शिवहर में बागमती नदी का बांध टूटा, कई गांव जलमग्न, घर से सड़क पर आ गए बाढ़ पीड़ित - Bihar Flood