शेखपुरा: कम उम्र में अधिक पैसे कमाने की लालच में किशोर और युवा धड़ल्ले से ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध के धंधे में शामिल हो रहे हैं. जल्द अमीर बनने और ऐशोआराम के साथ जिंदगी जीने की चाहत उन्हें साइबर अपराध में खींच रही है. साइबर अपराधी भी ऐसे लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं और अपने ग्रुप में शामिल करके बड़े पैमाने पर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं.
दूसरे राज्य के लोगों को बना रहे शिकार: ऐसे में बिहार के शेखपुरा जिले के कई गांव साइबर अपराधियों का गढ़ बन गया है. साइबर अपराधी बिहार ही नहीं देश के अलग-अलग राज्यों में यही से बैठकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं, जिस कारण कई राज्यों की पुलिस धर पकड़ करने शेखपुरा पहुंचती रहती है. हाल ही में अपराधियों ने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर बुकिंग करने के नाम पर कई लोगों से ठगी की घटना कौ अंजाम दिया है, जिसके बाद वहां की पुलिस और स्थानीय पुलिस के संयुक्त छापेमारी में कई लोगों को पकड़ा गया है.
पैसे की लालच में युवा हो रहे आकर्षित: बेरोजगारी और आसानी से पैसा कमाने की लालच में किशोर और युवा अवस्था के लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा हाथों-हाथ एंड्राइड मोबाइल और सोशल साइट पर जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग साइबर ठगों का शिकार हो रहे है, जिस कारण रातों-रात लोगों के बैंक खाता खाली हो रहे हैं.
साइबर ठगों का गढ़ बना गांव: जिले के शेखोपुर सराय प्रखंड क्षेत्र का एक दर्जन से ज्यादा गांव साइबर ठगों का गढ़ बना हुआ है. धीरे-धीरे अब साइबर ठगी का दायरा अन्य प्रखंडों और गांव में भी बढ़ने लगा है. पहले यह शेखोपुर सराय थाने तक सीमित था परंतु अब शेखपुरा, बरबीघा और कुसुंभा थाने तक पहुंच गया है. ऐसे में अलग-अलग थाने की पुलिस लगातार इनके खिलाफ छापेमारी अभियान चलाकर दर्जनों युवाओं को जेल भेज चुके हैं.
शेखपुरा के ये गांव काफी प्रभावित: शेखपुरा जिले के शेखूपुर सराय प्रखंड, बरबीघा प्रखंड और शेखपुरा प्रखंड के कुछ क्षेत्र साइबर ठगों का गढ़ बन गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित शेखूपुर सराय प्रखंड है. जहां के आधा दर्जन गांव मुख्य रूप से ज्यादा संवेदनशील बताया जाते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से पांची पंचायत के पांची, कबीरपुर, रहिचा, महानंदपुर, मीरबीघा, नीरपुर गांव शामिल है. इसके अलावा मोहब्बतपुर पंचायत के कुड़िया, मोहब्बतपुर, पन्हेसा, चमर बीघा, अस्थाना, दोबाडीह शेखूपुर सराय बाजार का क्षेत्र प्रभावित है. इसके अलावा बरबीघा का बरबीघा टाउन, धरसेनी, नसरतपुर,जयरामपुर, बबन बीघा शेखपुरा का पैन डिहरी, जीयन बीघा, कुसुंभा, दानी बीघा, कोसरा, सहित अन्य गांव साइबर अपराध के लिए बदनाम हो चुका है.
साइबर थाना खुलने के बाद 41 की गिरफ्तारी: जिले में साइबर थाने का उद्घाटन 1 वर्ष पहले एसपी कार्तिकेय शर्मा के द्वारा किया गया था. इसके बाद से साइबर थाना लगातार मामलों का निष्पादन कर रहा है. जनवरी से अप्रैल 2024 तक साइबर थाना सहित अन्य थानों ने कुल 49 मोबाइल, एक लैपटॉप, दो एटीएम कार्ड, दो बाइक , एक चार पहिया और एक लाख रुपये बरामद किया है। जनवरी से 30 अप्रैल तक साइबर से संबंधित कुल 41 गिरफ्तारी की गई है। कुल 52 कांड दर्ज किया गया है.
कई राज्यों की पुलिस पहुंच रही शेखपुरा: साइबर अपराधी यहीं से बैठकर बिहार ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बन चुके हैं. उन राज्यों में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वहां के पुलिस कई दफा शेखपुरा पहुंची है और स्थानीय पुलिस की मदद से साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है. यही नहीं इन राज्यों में लाखो तक का ठगी यहीं से फोन पर बैठकर किया जा चुका है.
हाईटेक तरीके से करते ठगी: जैसे-जैसे लोग हाईटेक होते जा रहे हैं वैसे-वैसे साइबर ठग भी अपने तरीके को हाईटेक कर रहे हैं. नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. सायबर अपराधी पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर बुक करने के नाम पर, लोन दिलाने के नाम पर, प्लेबॉय का काम करने के नाम पर, युवकों के दुष्कर्म में फंसे होने का फर्जी जानकारी देकर ठगी करने, लॉटरी पर वाहन मिलने सहित दर्जनों तरीके से साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.
सोशल मीडिया पर प्रलोभन देकर करते ठगी: खास तौर पर मुफ्त में पैसे कमाने का लालच संजोए लोग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं. जो ऐसे प्रलोभन में आ जाते हैं और अपने बैंक से संबंधित जानकारी और ओटीपी दे देते हैं जिस कारण मिनटो में उनका बैंक खाता खाली हो जाता है.
200 से ज्यादा ठगों को पकड़ा: साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार सक्रिय बनी रहती है. पिछले 4 साल में शेखूपुर सराय थाना, बरबीघा थाना, शेखपुरा थाना और कुसुम्भा थाने की पुलिस ने लगभग 200 से ज्यादा साइबर अपराधियों को पकड़ा है. इनके पास से लाखों रुपए के साथ लग्जरी कार, एटीएम, महंगे फोन बाइक और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पुलिस बरामद कर चुकी है.
राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा ठग का कारोबार: वहीं, इनके तार जिले के बाहर दूसरे राज्यों से भी जुड़े पाए गए. राष्ट्रीय स्तर पर यह लोग अब ठगी का कारोबार चल रहे हैं. नीवर्तमान एसपी कार्तिकेय शर्मा के कार्यकाल में काफी हद तक साइबर अपराधियों पर अंकुश लगा. उन्होंने चिन्हित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चला कर दर्जनों अपराधियों को जेल भेजा. खास तौर पर पिछले 10 सालों में साइबर अपराधियों ने यहां पांव पसार लिए हैं.
प्रशासन चला रही जागरूकता कार्यक्रम: साइबर फ्रॉड से बचने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन भी लगातार अभियान चला रहे. अलग-अलग प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए नुक्कड़ नाटक से लेकर पुलिस की कार्यशैली लोगों को बता रहे हैं. इसकी जानकारी देते हुए शेखपुरा एसडीपीओ अरविंद कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस सूचना पर लगातार कार्रवाई कर रही है. बड़ी संख्या में साइबर अपराधियों को जेल भेजा गया है. जेल से निकलने के बाद ऐसे तत्वों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है.
थाना स्तर पर चल रहे कई कार्यक्रम: वहीं, जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक के साथ-साथ थाना स्तर पर भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कोई भी व्यक्ति किसी भी लालच में ना आए, अपना ओटीपी, मोबाइल नंबर, मिबिले पिन, एटीएम पिन सहित गुप्त जानकारी किसी को नहीं दें. अगर कोई ठगी से संबंधित कॉल आता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दें. साइबर ठगी की घटना की जानकारी टोल फ्री नंबर 1930 पर दें. सतर्कता ही ऐसे तत्वों से बचने का सबसे बड़ा उपाय है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री भी अपलोड करने से बचने की जरूरत है.
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