ETV Bharat / state

टिहरी के गंगी गांव में लगा अनोखा मेला, बुग्यालों से लौटकर हजारों भेड़ों ने की सोमेश्वर महादेव मंदिर की परिक्रमा - Tehri Garhwal Sheep Fair

Sheep Fair at Someshwar Mahadev Temple in Tehri उत्तराखंड अपने रीति-रिवाजों और तीज त्यौहारों के लिए प्रसिद्ध है. यहां असंख्य मंदिर हैं, इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है. टिहरी में एक अनोखा मेला लगा. दरअसल इन दिनों बुग्यालों में 6 महीने पहले गई भेड़-बकरियां वापस लेकर पशु पालक अपने गांव पहुंच रहे हैं. पशुओं के जंगल से सकुशल लौटने की खुशी में सीमांत गंगी गांव में स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में मेला आयोजित किया गया. इस मेले की खासियत ये है कि पशु पालकों के साथ उनकी भेड़ें भी मंदिर की तीन बार परिक्रमा करती हैं.

Sheep Fair at Someshwar Mahadev Temple
टिहरी मेला समाचार (Photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2024, 11:44 AM IST

Updated : Sep 7, 2024, 12:33 PM IST

टिहरी के गंगी गांव में लगा अनोखा मेला (Video- ETV Bharat)

टिहरी: गंगी गांव के सोमेश्वर मंदिर में भेड़ मेला मनाया गया. 50 साल से चली आ रही यह परंपरा विशेष है. ऐसी मान्यता है कि यहां भेड़-बकरियां मंदिर की परिक्रमा करती हैं. ये आयोजन टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक स्थित सीमांत गंगी गांव के सोमेश्वर महादेव मंदिर में होता है. मेले में पशु पालकों ने अपनी भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा कर खुशहाली की कामना की.

गंगी गांव में मेला: गंगी गांव पशुपालन और खेतीबाड़ी के लिए जाना जाता है. गांव के अधिकतर लोग इसी व्यवसाय से जुड़े हैं. अपने आराध्य देव सोमेश्वर महादेव का आशीर्वाद पाने और अपनी भेड़ों की सुरक्षा के लिए पशुपालक विगत 50 वर्षों से सोमेश्वर महादेव मंदिर में भेड़ परिक्रमा मेला आयोजित करते आ रहे हैं. मान्यता है, कि मंदिर की परिक्रमा करने से उनका भेड़ पालन का व्यवसाय खूब आगे बढ़ता है. गंगी गांव में ग्रामीण भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा करते हैं. मेले में गांव का हर भेड़ पालक शामिल होता है. इस दौरान ढोल- दमाऊं के साथ देव डोली भी नृत्य कर सभी भेड़ पालकों और ग्रामीण को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इस बार भी गंगी गांव में भेड़ कौथिग का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने सोमेश्वर महादेव मंदिर के चारों ओर भेड़-बकरियों की परिक्रमा करवाकर यश और कुशलता की कामना की.

सोमेश्वर महादेव मंदिर में लगा मेला: मेले में क्षेत्र के लोगों की भीड़ देखने को मिली. गंगी गांव टिहरी जनपद का सबसे सुदूर सीमांत गांव है. विकास खंड मुख्यलय से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गंगी गांव आज भी अपने रीति रिवाजों पर कायम है. गंगी गांव के लोगों का रहन-सहन और वेशभूषा आज भी वैसे ही है, जैसे पहले हुआ करती थी. गंगी गांव के ईष्टदेव सोमेश्वर महादेव के प्रांगण में हर तीसरे वर्ष भेड़ कौथिग का आयोजन होता है. हजारों की संख्या में भेड़ बकरियों को मंदिर के चारों ओर घुमाया जाता है. गंगी गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और भेड़ पालन है. जिस कारण यहां पर हर तीसरे वर्ष भेड़ कौथिग का आयोजन होता है. पारंपरिक वेशभूषा में यहां पर झुमैलो नृत्य भी होता है जो मेले का मुख्य आकर्षण रहा है.

मंदिर की परिक्रमा करती हैं भेड़ें: यहां पर हर तीसरे वर्ष लगने वाला ये दो दिवसीय मेला बहुत ही भव्य मेला होता है. इसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं, गंगी गांव के मंदिर में देवी-देवताओं के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन में सबसे आश्चर्य भेड़ों की मंदिर परिक्रमा होती है. हजारों की संख्या में मंदिर के प्रांगण में भेड़ें आती हैं और फिर मंदिर के चारों तरफ कई देर तक दौड़ लगाती हैं. इसको लेकर ग्रामीणों का कहना है कि यहां गांव में अभी भी देव शक्ति है. यह देखने विदेशों के पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं.
ये भी पढ़ें:

टिहरी के गंगी गांव में लगा अनोखा मेला (Video- ETV Bharat)

टिहरी: गंगी गांव के सोमेश्वर मंदिर में भेड़ मेला मनाया गया. 50 साल से चली आ रही यह परंपरा विशेष है. ऐसी मान्यता है कि यहां भेड़-बकरियां मंदिर की परिक्रमा करती हैं. ये आयोजन टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक स्थित सीमांत गंगी गांव के सोमेश्वर महादेव मंदिर में होता है. मेले में पशु पालकों ने अपनी भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा कर खुशहाली की कामना की.

गंगी गांव में मेला: गंगी गांव पशुपालन और खेतीबाड़ी के लिए जाना जाता है. गांव के अधिकतर लोग इसी व्यवसाय से जुड़े हैं. अपने आराध्य देव सोमेश्वर महादेव का आशीर्वाद पाने और अपनी भेड़ों की सुरक्षा के लिए पशुपालक विगत 50 वर्षों से सोमेश्वर महादेव मंदिर में भेड़ परिक्रमा मेला आयोजित करते आ रहे हैं. मान्यता है, कि मंदिर की परिक्रमा करने से उनका भेड़ पालन का व्यवसाय खूब आगे बढ़ता है. गंगी गांव में ग्रामीण भेड़ों के साथ मंदिर की परिक्रमा करते हैं. मेले में गांव का हर भेड़ पालक शामिल होता है. इस दौरान ढोल- दमाऊं के साथ देव डोली भी नृत्य कर सभी भेड़ पालकों और ग्रामीण को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इस बार भी गंगी गांव में भेड़ कौथिग का आयोजन किया गया. ग्रामीणों ने सोमेश्वर महादेव मंदिर के चारों ओर भेड़-बकरियों की परिक्रमा करवाकर यश और कुशलता की कामना की.

सोमेश्वर महादेव मंदिर में लगा मेला: मेले में क्षेत्र के लोगों की भीड़ देखने को मिली. गंगी गांव टिहरी जनपद का सबसे सुदूर सीमांत गांव है. विकास खंड मुख्यलय से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गंगी गांव आज भी अपने रीति रिवाजों पर कायम है. गंगी गांव के लोगों का रहन-सहन और वेशभूषा आज भी वैसे ही है, जैसे पहले हुआ करती थी. गंगी गांव के ईष्टदेव सोमेश्वर महादेव के प्रांगण में हर तीसरे वर्ष भेड़ कौथिग का आयोजन होता है. हजारों की संख्या में भेड़ बकरियों को मंदिर के चारों ओर घुमाया जाता है. गंगी गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और भेड़ पालन है. जिस कारण यहां पर हर तीसरे वर्ष भेड़ कौथिग का आयोजन होता है. पारंपरिक वेशभूषा में यहां पर झुमैलो नृत्य भी होता है जो मेले का मुख्य आकर्षण रहा है.

मंदिर की परिक्रमा करती हैं भेड़ें: यहां पर हर तीसरे वर्ष लगने वाला ये दो दिवसीय मेला बहुत ही भव्य मेला होता है. इसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं, गंगी गांव के मंदिर में देवी-देवताओं के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन में सबसे आश्चर्य भेड़ों की मंदिर परिक्रमा होती है. हजारों की संख्या में मंदिर के प्रांगण में भेड़ें आती हैं और फिर मंदिर के चारों तरफ कई देर तक दौड़ लगाती हैं. इसको लेकर ग्रामीणों का कहना है कि यहां गांव में अभी भी देव शक्ति है. यह देखने विदेशों के पर्यटक भी यहां पहुंचते हैं.
ये भी पढ़ें:

Last Updated : Sep 7, 2024, 12:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.