कानपुर: कैंसर और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी से बचाव में श्यामा तुलसी बेहद कारगर सिद्ध हो सकती है. जो आमतौर पर देश के सभी घरों में लगाई जाती है. कानपुर शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर अजय शर्मा ने श्यामा तुलसी पर शोध किया. शर्मा के मुताबिक उनके शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया. यही नहीं, कुछ दिनों पहले हैदराबाद में हुए इंडियन फार्मास्युटिकल्स कांग्रेस के 73वें अधिवेश में प्रोफेसर अजय शर्मा के शोध पत्र को सम्मान भी मिला है. डॉ.अजय ने जो शोध किया, उसका विषय- डिटरमिनेशन ऑफ सीजनल वेरिएशन ऑफ वोलाटाइल आर्गेनिक कांस्टीट्यूएंट्स ऑफ द लीव्स ऑफ ट्रेडिशनल हर्ब्स आसिमम सैंक्टम लिन रखा गया था.
डॉ.अजय शर्मा ने बताया, कि उन्होंने जो शोध कार्य किया है और उसके बाद जो रिजल्ट आए हैं, उसके बाद अब ICMR के विशेषज्ञों के साथ जल्द ही वह आमजन के लिए श्यामा तुलसी से दवा तैयार करने का काम करेंगे. जोकि, कैंसर और डायबिटीज के अलावा डायरिया, अस्थमा, दर्द निवारक, कृमि निवारक, सूजन निवारक, एंटीआक्सीडेंट सहित कई अन्य बीमारियों में उपयोग की जा सकेगी. श्यामा तुलसी से तैयार दवा का उपयोग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी होगा. डॉ.अजय शर्मा ने कहा, कि जब उन्होंने श्यामा तुलसी पर शोध शुरू किया तो पूरे एक साल तक तुलसी के पौधों में मौजूद अवयवों को देखा. हर माह ही अवयव बदल रहे थे. उन्होंने इसके तेल संग जब केमिकल परीक्षण किया तो सफल परिणाम सामने आ गए.
आईसीएमआर की ओर से डॉ. अजय शर्मा को सीनियर रिसर्च फैलोशिप भी मिल चुकी है. साथ ही आईसीएमआर की ओर से जब डॉ.अजय को डीएचआर फैलोशिप दी गई थी, तब उन्हें शोध कार्य के लिए आईसीएमआर की शोध प्रयोगशाला नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ट्रेडिशनल मेडिसिन बेलगाम कर्नाटक भेजा गया था. सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.संजय काला ने भी उनके शोध को बेहद कारगर माना.
ये भी पढ़ें: ये खाद्य पदार्थ अधिक खाने से हो सकता है गठिया रोग, शोध में हुआ खुलासा - Arthritis