सागर: फसलों में रबी का सीजन ऐसा सीजन होता है कि अगर किसान के पास पानी का इंतजाम हो और रबी सीजन की फसलों की अच्छी किस्म के बीज मिल जाएं तो किसान मालामाल हो जाता है. साल भर की आय एक ही सीजन में हो जाती है. फिलहाल किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी में लगे हैं और अच्छी किस्मों के बीज की जानकारी जुटा रहे हैं. ऐसे में सागर के प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया ऐसी पांच किस्मों की जानकारी किसानों को दे रहे हैं, कि अगर पानी का इंतजाम भी कम हुआ, तो ये किस्म अच्छा मुनाफा दे सकती है.
रबी सीजन में बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती
रबी के सीजन में पंजाब, हरियाणा, यूपी और मध्यप्रदेश में बडे पैमाने पर किसान गेहूं की खेती करते हैं. रबी के सीजन में ये एक तरह से किसानों द्वारा उगाई जाने वाली मुख्य फसल होती है. जिन किसानों के यहां सिंचाई के अच्छे साधन होते हैं, वो किसान तो ज्यादातर गेहूं की ही खेती करते हैं. हर किसान बुवाई के वक्त ऐसी किस्म की खोजबीन में लगा रहता है कि जिनका उत्पादन भी अच्छा हो और मंडी में रेट भी अच्छा मिले. जलवायु और यहां की मिट्टी के लिहाज से भी बेहतर हो. ऐसे में प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया गेंहू की ऐसी पांच किस्मों के बारे में बताते हैं, जो किसानों को बंपर उत्पादन के साथ मोटी कमाई भी कराते हैं और इन किस्मों के गेहूं खाने वालों को सेहत के लिहाज से फायदे का सौदा होता है.
गेहूं की पांच किस्में किसान को करेंगी मालामाल
आकाश चौरसिया बताते हैं कि, ''आमतौर पर किसान गेहूं के मामले में किस्म और बीज के मामले में ठगे जाते हैं. लेकिन अगर किसान गेहूं की अलग-अलग किस्मों की जानकारी जुटाकर खेती करें, तो उन्हें फायदा का सौदा होता है. उनके अनुसार अगर किसान इन पांच किस्मों पर फोकस करें, तो मालामाल हो सकता है.''
चावल काठी
इस किस्म के गेहूं का नाम सुनकर अंदाजा हो गया होगा कि इस गेहूं में चावल जैसा कुछ ना कुछ है. दरअसल चावल जैसा नजर आने वाला चावल काठी किस्म को गेहूं की बुवाई में किसानों को कम पानी की जरूरत पड़ती है और तीन बार पानी में अच्छा उत्पादन हो जाता है. सेहत के लिहाज से ये ग्लूटेन फ्री होता है और पाचन में मददगार होता है. खास बात ये है कि ये 16 क्विटंल तक उत्पादन देता है.
शरबती गेहूं
बुंदेलखंड और खासकर मध्य राज्य में शरबती गेहूं का बोलवाला है. अपने स्वाद के लिए मशहूर इस गेहूं की डिमांड विदेश तक है. महज दो पानी में अच्छा उत्पादन देता है. एक एकड में 12 से 15 क्विटंल तक आप उत्पादन ले सकते हैं. किसानों को दूसरी किस्मों के अलावा इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं.
काला गेहूं
ये गेहूं सेहत के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है. जानकार मानते हैं कि इसमें आयरन की मात्रा भरपूर होती है. इसकी बेहतर उपज के लिए तीन बार पानी की जरूरत होती है और एक एकड में 20 क्विटंल तक उपज हो सकती है. खास बात ये है कि सेहत के लिए फायदेमंद होने के कारण इसका बाजार में काफी अच्छा दाम मिलता है.
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बंसी गेहूं
बुंदेलखंड की विलुप्त प्रजाति के बंसी गेहूं की बात करें, तो एक एकड में 60 किलो बीज से बुवाई करना पड़ता है. तीन बार पानी की जरूरत पड़ती है और एक एकड़ में 12 से 18 क्विटंल तक ये गेहूं उपज देता है. इसमें फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है. ग्लूटेन कम होने के कारण पाचन में मददगार होता है.
खपली गेहूं
इस गेहूं की डिमांड काफी ज्यादा होती है. क्योंकि ये गेहूं डायबिटीज के मरीजों की सेहत के लिए बेहतर माना जाता है. क्योंकि इसमें फाइबर के साथ प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है. किसान भाई एक एकड़ में 50 किलोग्राम बुवाई करें और कम से कम 3 बार पानी दें, तो प्रति एकड 18 क्विंटल तक उपज ले सकते हैं.