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मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है; कुंभ में मुस्लिमों के रोक के पक्ष में बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, मक्का-मदीना में हिंदुओं का जाना है प्रतिबंधित

गाय को माता का दर्जा देने पर महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया समर्थन

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कुंभ पर बोले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 6:23 PM IST

Updated : Nov 9, 2024, 9:55 PM IST

वाराणसी: उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वाराणसी प्रवास के दौरान महाकुंभ में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की मांग का समर्थन किया है. मीडियाकर्मियों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का - मदीना के 40 किलोमीटर पहले ही हिंदुओं को रोक दिया जाता है. मक्का में जाने से रोकने पर मुस्लिम कहते हैं, कि ये मुस्लिमों को तीर्थ है, तुम्हारा क्या काम है. तो ठीक है , कुंभ भी हमारा है तो तुम्हारा क्या काम है. रोक तो उन्होंने शुरू किया है, मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है, तो हमारा भी आंगन है हमें अभी अपने ढंग से जी लेने दो.

वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, महाराष्ट्र की जनता को एकनाथ शिंदे की सरकार का समर्थन करना चाहिए और मैं भी उनका समर्थन करूंगा. क्योंकि 78 साल में किसी ने गाय को माता कहने की हिमाकत नहीं किया, लेकिन महाराष्ट्र सीएम ने किया और उन्होंने गाय को माता का दर्जा दिया. ऐसे में इस सरकार के समर्थन में खड़े हो जाना चाहिए और दूसरी बार एकनाथ शिंदे को सीएम चुनना चाहिए.

शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश में बाटोगे तो काटोगे का दिये जा रहे नारा पर कहा कि, नारा तो दिया जा रहा है लेकिन बाटने से बचाने वाले को काटा जा रहा है. गाय सभी को बंटने से बचाती है, लेकिन आज उसकी दशा हमारे देश में क्या है. लोग डॉलर कमाने के लिए गाय को काट रहे हैं और इन्हें रोकने के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2024: साधु-संतों के अखाड़ों के होते हैं सख्त नियम, जानिए कोतवाल और थानापति के काम

वाराणसी: उत्तराखंड के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वाराणसी प्रवास के दौरान महाकुंभ में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की मांग का समर्थन किया है. मीडियाकर्मियों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, मुस्लिम धर्म का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का - मदीना के 40 किलोमीटर पहले ही हिंदुओं को रोक दिया जाता है. मक्का में जाने से रोकने पर मुस्लिम कहते हैं, कि ये मुस्लिमों को तीर्थ है, तुम्हारा क्या काम है. तो ठीक है , कुंभ भी हमारा है तो तुम्हारा क्या काम है. रोक तो उन्होंने शुरू किया है, मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है, तो हमारा भी आंगन है हमें अभी अपने ढंग से जी लेने दो.

वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, महाराष्ट्र की जनता को एकनाथ शिंदे की सरकार का समर्थन करना चाहिए और मैं भी उनका समर्थन करूंगा. क्योंकि 78 साल में किसी ने गाय को माता कहने की हिमाकत नहीं किया, लेकिन महाराष्ट्र सीएम ने किया और उन्होंने गाय को माता का दर्जा दिया. ऐसे में इस सरकार के समर्थन में खड़े हो जाना चाहिए और दूसरी बार एकनाथ शिंदे को सीएम चुनना चाहिए.

शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश में बाटोगे तो काटोगे का दिये जा रहे नारा पर कहा कि, नारा तो दिया जा रहा है लेकिन बाटने से बचाने वाले को काटा जा रहा है. गाय सभी को बंटने से बचाती है, लेकिन आज उसकी दशा हमारे देश में क्या है. लोग डॉलर कमाने के लिए गाय को काट रहे हैं और इन्हें रोकने के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

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Last Updated : Nov 9, 2024, 9:55 PM IST
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