ETV Bharat / state

शनि प्रदोष पर शिव और शनि देव की मिलेगी विशेष कृपा, साढ़े साती और ढैय्या वाले जरूर करें ये काम - Shani Pradosh Vrat - SHANI PRADOSH VRAT

Shani Pradosh Vrat भगवान शिव के साथ शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि प्रदोष व्रत पर पूजा कर दोनों देव का आशीर्वाद पाया जा सकता है. महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला से जानिए शनि त्योदशी पर कैसे पूजा अर्चना करें.

Shani Pradosh
शनि प्रदोष
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 6, 2024, 9:29 AM IST

Updated : Apr 6, 2024, 10:59 AM IST

शनि प्रदोष

रायपुर: साल 2024 में 6 अप्रैल के दिन शनिवार के दिन प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. पंचांग के अनुसार यह व्रत हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. अप्रैल में पहली त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है. जिसे बहुत खास माना जा रहा है. त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है लेकिन अगर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन होता है, तो इस दिन शिव जी के साथ ही शनिदेव की भी पूजा करने का विधान है. इस व्रत को करने से शिव के साथ शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं और कुंडली में शनि के दोष दूर होते हैं.

महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. एकादशी व्रत के एक दिन बाद त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला प्रदोष व्रत 6 अप्रैल शनिवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है."

शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन भगवान शंकर के साथ शनिदेव की पूजा की जाती है. शनिवदेव की पूजा से हर कामना पूरी होने के साथ जीवन में होने वाली बाधाएं दूर होती हैं- पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

शनि प्रदोष व्रत का समय: इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि की शुरुआत 6 अप्रैल को सुबह 10:19 से हो रही है और इसका समापन 7 अप्रैल को सुबह 6:53 पर होगा. प्रदोष व्रत के दिन संध्या काल में शिव जी की पूजा करने का विधान है. ऐसे में 6 अप्रैल को ही शनि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा.

ऐसे करें पूजा: शनि प्रदोष व्रत वाले दिन पूजा के लिए प्रदोष काल अर्थात शाम के समय को शुभ माना जाता है. सूर्यास्त से 1 घंटे पहले स्नान कर पूजा के लिए तैयार हो जाएं. संध्या के समय शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें. पूजा में गाय के दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, फूल, भांग अर्पित करें. उसके बाद विधि विधान पूर्वक पूजन और आरती करें.

लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए शनि प्रदोष व्रत: शनि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव के साथ ही शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. शनि प्रदोष व्रत करने से लंबी आयु के साथ ही सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी तरह के दुख दूर हो जाते हैं. अंत में वह सभी तरह के सुखों को भोगकर मोक्ष की प्राप्ति करता है.

इस साल की नवरात्रि का असर हो सकता है नकारात्मक, जानिए घटस्थापना का शुभ-मुहूर्त - Chaitra navratri
रायपुर के महामाया मंदिर में इस नवरात्रि क्या रहेगा खास, जानिए - Chaitra Navratri 2024
चैत्र नवरात्रि 2024 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, रहिए सावधान घोड़े पर सवार होकर पधारेंगी मां दुर्गा - Chaitra Navratri 2024


शनि प्रदोष

रायपुर: साल 2024 में 6 अप्रैल के दिन शनिवार के दिन प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है. पंचांग के अनुसार यह व्रत हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. अप्रैल में पहली त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है. जिसे बहुत खास माना जा रहा है. त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है लेकिन अगर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन होता है, तो इस दिन शिव जी के साथ ही शनिदेव की भी पूजा करने का विधान है. इस व्रत को करने से शिव के साथ शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं और कुंडली में शनि के दोष दूर होते हैं.

महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया "हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. एकादशी व्रत के एक दिन बाद त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला प्रदोष व्रत 6 अप्रैल शनिवार के दिन पड़ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है."

शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन भगवान शंकर के साथ शनिदेव की पूजा की जाती है. शनिवदेव की पूजा से हर कामना पूरी होने के साथ जीवन में होने वाली बाधाएं दूर होती हैं- पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

शनि प्रदोष व्रत का समय: इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि की शुरुआत 6 अप्रैल को सुबह 10:19 से हो रही है और इसका समापन 7 अप्रैल को सुबह 6:53 पर होगा. प्रदोष व्रत के दिन संध्या काल में शिव जी की पूजा करने का विधान है. ऐसे में 6 अप्रैल को ही शनि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा.

ऐसे करें पूजा: शनि प्रदोष व्रत वाले दिन पूजा के लिए प्रदोष काल अर्थात शाम के समय को शुभ माना जाता है. सूर्यास्त से 1 घंटे पहले स्नान कर पूजा के लिए तैयार हो जाएं. संध्या के समय शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें. पूजा में गाय के दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, फूल, भांग अर्पित करें. उसके बाद विधि विधान पूर्वक पूजन और आरती करें.

लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए शनि प्रदोष व्रत: शनि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव के साथ ही शनि देव भी प्रसन्न होते हैं. शनि प्रदोष व्रत करने से लंबी आयु के साथ ही सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी तरह के दुख दूर हो जाते हैं. अंत में वह सभी तरह के सुखों को भोगकर मोक्ष की प्राप्ति करता है.

इस साल की नवरात्रि का असर हो सकता है नकारात्मक, जानिए घटस्थापना का शुभ-मुहूर्त - Chaitra navratri
रायपुर के महामाया मंदिर में इस नवरात्रि क्या रहेगा खास, जानिए - Chaitra Navratri 2024
चैत्र नवरात्रि 2024 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, रहिए सावधान घोड़े पर सवार होकर पधारेंगी मां दुर्गा - Chaitra Navratri 2024


Last Updated : Apr 6, 2024, 10:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.