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संसद में खूब दहाड़ीं शांंभवी चौधरी, संविधान और दलितों के मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा - SHAMBHAVI CHOUDHARY

शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस की शुरुआत हुई. इस दौरान बिहार की युवा सांसद शाम्भवी चौधरी ने कांग्रेस को जमकर घेरा.

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संसद में खूब दहाड़ीं शांंभवी चौधरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

पटना: चिराग पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास की सांसद शांंभवी चौधरी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. संविधान के 75वें वर्ष की शुरुआत के मौके पर लोकसभा में चर्चा हो रही थी. इस बहस में कांग्रेस सांसदों ने भी भाग लिया. बिहार के समस्तीपुर से सांसद शांंभवी चौधरी ने अपने भाषण से सबका ध्यान खींचा. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयान को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को खूब सुनाया.

संसद में शांंभवी चौधरी की दहाड़ : संविधान पर चर्चा के दौरान सांसद शांंभवी चौधरी ने कहा कि, विपक्ष के लोग है जो विदेशी तंत्रों से हाथ मिलाकर बार-बार भारत की प्रभुता और अखंडता पर चोट करते है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में एफडीआई बढ़ा है, तो वहीं इतने वर्षों में कांग्रेस का एसडीआई जरूर बढ़ गया है. एसडीआई क्या है यह बताएंगे तो यहां हल्ला हो जाएगा, इसलिए खुद ही समझ जाइये.

'संविधान नेता के हाथ में नहीं, दिल में होना चाहिए' : उन्होंने आगे कहा कि, मुंह में राम बगल में छुरी, यह मुहावरा भी विपक्ष पर सही नहीं बैठता है. क्योंकि विपक्ष तो श्रीराम का नाम ही नहीं ले सकते, लेकिन छुरी लेकर बार-बार संविधान की हत्या करने की जरूर कोशिश करते है. इसलिए हम लोग कहते हैं कि संविधान नेता के हाथ में नहीं बल्कि दिल में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया.

''2008 में इसी सदन में ट्रस्ट वोट के लिए कैश फॉर वोट स्कैम हुआ था. लोकतंत्र का गलो घोंटा गया था. आपातकाल का दौर भी हमने देखा. बिहार के एक पुत्र थे जय प्रकाश नारायण, जिन्होंने इसी दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रपति रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ी थी. सिंहासन खाली करो की जनता आती है, जिसने कांग्रेस की जड़ों को हिला दिया था.'' - शांंभवी चौधरी, सांसद, लोजपा (आर)

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पीएम मोदी के साथ शांभवी चौधरी (ETV Bharat)

कांग्रेस पर वार, लालू-राबड़ी शासनकाल पर सवाल : शांंभवी चौधरी ने आगे कहा कि, आज जब हम संविधान की 75वीं वर्ष का उत्सव मना रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने और आपातकाल के जरिए संविधान को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया. बिना नाम लिए लालू राबड़ी सरकार को भी घेरा. सांसद ने कहा कि एक समय था जब बिहार दंगों और अपहरण का गढ़ बन गया था. लेकिन आज संविधान के वसूल बिहार में कायम है.

आरक्षण पर नेहरू के बयान का जिक्र : शांंभवी चौधरी ने तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों के सहारे कांग्रेस को जमकर सुनाया. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के आरक्षण संबंधी बयानों का जिक्र किया और कहा कि सबसे पहले 1961 में जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, ''मैं किसी भी तरह आरक्षण का पसंद नहीं करता हूं। मैं इसका विरोध करता हूं और खासकर नौकरी में.''

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शांंभवी चौधरी (ETV Bharat)

शांंभवी ने इंदिरा गांधी का बयान सुनाया : उन्होंने आगे कहा कि. दूसरा इंदिरा गांधी ने नीरजा चौधरी की एक किताब (How Prime Ministers Decide) में उन्होंने कहा था, अपने तब के कानून मंत्री (शिवशंकर) को, ''एक ऐसा तरीका अनाइये कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.''

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चिराग पासवान के साथ शांभवी चौधरी (ETV Bharat)

शांंभवी बोलीं- आरक्षण पाने वालों को इडियट्स कहा : सांसद ने कहा कि, तीसरा राजीव गांधी ने मार्च 1985 में आलोत मेहता को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ''आरक्षण के नाम पर इडियट्स को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसे लोग देश का नुकसान करते हैं.'' (No Promotion of Idiots in the name of reservation and that promoting idiots in the reservation harm the entire country.

सांसद ने कहा कि, इन्हें लगता था कि आरक्षण से देश में सेकेंड ग्रेड सिटीजन आते है.. आखिर में शांंभवी ने कहा कि, ''हर रंग को खुद में समेटकर जो बेखौफ खड़ा है. जाति और धर्म के दायरे से जो आगे बढ़ा है. नैतिक निष्पक्ष समावेशी संविधान ही है वो, 75 वर्षों बाद भी सहज खड़ा हैं.''

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पटना: चिराग पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास की सांसद शांंभवी चौधरी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. संविधान के 75वें वर्ष की शुरुआत के मौके पर लोकसभा में चर्चा हो रही थी. इस बहस में कांग्रेस सांसदों ने भी भाग लिया. बिहार के समस्तीपुर से सांसद शांंभवी चौधरी ने अपने भाषण से सबका ध्यान खींचा. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयान को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को खूब सुनाया.

संसद में शांंभवी चौधरी की दहाड़ : संविधान पर चर्चा के दौरान सांसद शांंभवी चौधरी ने कहा कि, विपक्ष के लोग है जो विदेशी तंत्रों से हाथ मिलाकर बार-बार भारत की प्रभुता और अखंडता पर चोट करते है. एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में एफडीआई बढ़ा है, तो वहीं इतने वर्षों में कांग्रेस का एसडीआई जरूर बढ़ गया है. एसडीआई क्या है यह बताएंगे तो यहां हल्ला हो जाएगा, इसलिए खुद ही समझ जाइये.

'संविधान नेता के हाथ में नहीं, दिल में होना चाहिए' : उन्होंने आगे कहा कि, मुंह में राम बगल में छुरी, यह मुहावरा भी विपक्ष पर सही नहीं बैठता है. क्योंकि विपक्ष तो श्रीराम का नाम ही नहीं ले सकते, लेकिन छुरी लेकर बार-बार संविधान की हत्या करने की जरूर कोशिश करते है. इसलिए हम लोग कहते हैं कि संविधान नेता के हाथ में नहीं बल्कि दिल में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया.

''2008 में इसी सदन में ट्रस्ट वोट के लिए कैश फॉर वोट स्कैम हुआ था. लोकतंत्र का गलो घोंटा गया था. आपातकाल का दौर भी हमने देखा. बिहार के एक पुत्र थे जय प्रकाश नारायण, जिन्होंने इसी दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रपति रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ी थी. सिंहासन खाली करो की जनता आती है, जिसने कांग्रेस की जड़ों को हिला दिया था.'' - शांंभवी चौधरी, सांसद, लोजपा (आर)

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पीएम मोदी के साथ शांभवी चौधरी (ETV Bharat)

कांग्रेस पर वार, लालू-राबड़ी शासनकाल पर सवाल : शांंभवी चौधरी ने आगे कहा कि, आज जब हम संविधान की 75वीं वर्ष का उत्सव मना रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने और आपातकाल के जरिए संविधान को चोट पहुंचाने का आरोप लगाया. बिना नाम लिए लालू राबड़ी सरकार को भी घेरा. सांसद ने कहा कि एक समय था जब बिहार दंगों और अपहरण का गढ़ बन गया था. लेकिन आज संविधान के वसूल बिहार में कायम है.

आरक्षण पर नेहरू के बयान का जिक्र : शांंभवी चौधरी ने तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों के सहारे कांग्रेस को जमकर सुनाया. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के आरक्षण संबंधी बयानों का जिक्र किया और कहा कि सबसे पहले 1961 में जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, ''मैं किसी भी तरह आरक्षण का पसंद नहीं करता हूं। मैं इसका विरोध करता हूं और खासकर नौकरी में.''

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शांंभवी चौधरी (ETV Bharat)

शांंभवी ने इंदिरा गांधी का बयान सुनाया : उन्होंने आगे कहा कि. दूसरा इंदिरा गांधी ने नीरजा चौधरी की एक किताब (How Prime Ministers Decide) में उन्होंने कहा था, अपने तब के कानून मंत्री (शिवशंकर) को, ''एक ऐसा तरीका अनाइये कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.''

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चिराग पासवान के साथ शांभवी चौधरी (ETV Bharat)

शांंभवी बोलीं- आरक्षण पाने वालों को इडियट्स कहा : सांसद ने कहा कि, तीसरा राजीव गांधी ने मार्च 1985 में आलोत मेहता को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ''आरक्षण के नाम पर इडियट्स को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. ऐसे लोग देश का नुकसान करते हैं.'' (No Promotion of Idiots in the name of reservation and that promoting idiots in the reservation harm the entire country.

सांसद ने कहा कि, इन्हें लगता था कि आरक्षण से देश में सेकेंड ग्रेड सिटीजन आते है.. आखिर में शांंभवी ने कहा कि, ''हर रंग को खुद में समेटकर जो बेखौफ खड़ा है. जाति और धर्म के दायरे से जो आगे बढ़ा है. नैतिक निष्पक्ष समावेशी संविधान ही है वो, 75 वर्षों बाद भी सहज खड़ा हैं.''

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