शाजापुर। शाजापुर में मंगलवार को जनसुनवाई में आया एक बुजुर्ग किसान कलेक्टर परिसर में ही धरने पर बैठ गया. कड़कड़ाती धूप में किसान घंटों बैठा रहा. किसान का आरोप है कि ''पटवारी ने नामांतरण कर पावती बनाने के नाम पर 1 लाख 70 हजार रूपए की रिश्वत ले ली और नामांतरण भी नहीं किया. मेरी जमीन नर्मदा परियोजना में चली गई है और वहां पाइप लाइन भी डल गई. पावती न होने से मुझे जमीन का मुआवजा नहीं मिल पा रहा. एक साल से तहसीलदार एवं कलेक्टर के यहां चक्कर लगा रहा हूं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. जब तक मेरी पावती नहीं बनेगी तब तक कलेक्टर परिसर में आमरण अनशन पर बैठा रहूंगा.'
'मुझे न्यान दो' लिखी तख्तियां लेकर धूप में बैठा किसान
जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग किसान मोती पिता धन्नाजी ग्राम बक्सूखेड़ी तहसील शाजापुर के निवासी हैं. किसान मंगलवार को जनसुनवाई में आएं और वहां एक बार फिर से आवेदन देकर कलेक्टर परिसर में हाथ में 'मुझ गरीब को न्याय दो' लिखी तख्तियां लेकर धूप में बैठ गए. किसान परेशान होकर वहीं लेट गया और कह रहा है ''मुझे एडीएम साहब के सामने मरना है. एडीएम ने मेरी फाइल दबा दी. पटवारी ने रिश्वत ले ली और मेरी जमीन पर नर्मदा परियोजना का कब्जा करवा दिया. जब तक मेरी सुनवाई नहीं होगी तब तक यही आमरण अनशन करूंगा.''
Also Read: भोपाल में चयनित शिक्षकों ने किया बीजेपी कार्यालय का घेराव, प्रदर्शन के दौरान सुंदरकांड का पाठ |
पटवारी ने नहीं बनाई पावती, जमीन पर बिछा दी पाइप लाइन
किसान 'मुझ गरीब को न्याय दो' की तख्ती लेकर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहा है. किसान का आरोप है ''पटवारी को पावती बनाने के लिए 1 लाख 70 हजार रुपए की रिश्वत दे चुका हूं. पटवारी ने कहा था आठ महीने में बनाकर दे दूंगा. पटवारी ने पावती नहीं बनाई और मेरी जमीन पर नर्मदा परियोजना की पाइप लाइन बिछा दी गई. मुझे किसी प्रकार का कोई मुआवजा नहीं मिला.''