शहडोल: इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है. सड़कों का हाल जहां भी देखिए बेहाल ही नजर आता है. आज बात शहडोल जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले उस सड़क की है जहां से गुजरने से पहले लोग खतरों से खेलते हैं. छोटी-छोटी दुर्घटनाएं तो यहां हर दिन हो रही हैं. अगर ऐसा ही हाल रहा तो कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. किसी के जान माल का भी नुकसान हो सकता है. सवारी गाड़ियां भी पलट सकती हैं.
सड़क ऐसी जो कंफ्यूज कर दे
मंडला डिंडोरी और सिंहपुर से होते हुए यह मार्ग जिला मुख्यालय से जोड़ता है. जिला मुख्यालय के पास पहुंचते ही पांडा नाला के पास सड़क इतनी खराब है, जिसे देखकर आप भी कंफ्यूज हो जाएंगे की गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढा. इन सड़कों में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं की रोड का तो पता ही नहीं चलता. उनकी गहराई इतनी है उसमें पानी भी भरा हुआ है. इसे देखकर लोग परेशान रहते हैं कि कहीं गाड़ी गड्ढे में न फंस जाए. ये गड्ढे इतने बड़े-बड़े हो चुके हैं, कि रोड पूरी तरह से टूट चुका है. गड्ढों में पूरी गाड़ियां ही घुस जा रही हैं. सड़क भी किनारे से कट चुकी है. आलम ये है कि यहां हर दिन गाड़ियां फसती हैं, छोटे बड़े एक्सीडेंट होते हैं लोग गिर भी जाते हैं. छात्र जाते तो स्कूल हैं लेकिन कीचड़ में गिर जाने के कारण वापस घर आना पड़ता है.
ये मार्ग नहीं परेशानी है
इस सड़क से गुजरना मतलब खतरों से खेलना है. जब ईटीवी भारत की टीम इस जगह पहुंची और वहां के लोगों से बात की तो लोग अपनी समस्या बताने के लिए खड़े हो गए. लोगों का कहना है कि यहां हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. गड्ढे इतने बड़े-बड़े हैं की गाड़ी निकालना मुश्किल हो रहा है. यहां से गाड़ी निकालना मतलब खतरों से खेलना है. स्कूल की गाड़ियां गुजरती हैं, कई बच्चे खुद से चलकर यहां से स्कूल जाते हैं, एंबुलेंस निकलती हैं, कई गांव के लोग हर दिन यहां दैनिक कार्य करने के लिए जाते हैं. इलाज के लिए मरीज आते हैं, लेकिन हर कोई यहां परेशान रहता है. क्योंकि अब यहां सड़क का पता ही नहीं है, सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं. लोगों का कहना है कि जल्द अगर इन्हें ठीक नहीं किया गया तो आने वाले समय में कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है.
दो राज्यों को जोड़ता है ये मार्ग
देखा जाए तो पोंडा नाला शहडोल जिला मुख्यालय का एंट्री गेट भी है. ये मार्ग आए दिन सुर्खियों में रहता है. अपनी खराब सड़कों और दिक्कतों को लेकर जो ये खराब सड़क है यह महज कुछ मीटर की ही है. लेकिन फिर भी इसकी मरम्मत कोई नहीं करा रहा. ये मार्ग दो राज्यों से जिला मुख्यालय को जोड़ता है. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लिए ये रास्ता जाता है. यहां से भी आवागमन लगातार होता है. एक राज्य से दूसरे राज्य लोग भी इसी मार्ग से होकर आवागमन करते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि रात में ट्रक आता है और इन गड्ढों में फंस जाती है. रात भर उनको यही रुकना पड़ जाता है.
मरीज भी हर दिन गुजरते हैं
शहडोल संभागीय मुख्यालय है, यहां 25 से 30 गांव के लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इतना ही नहीं मंडला डिंडोरी तक से लोग यहां मेडिकल कॉलेज में और जिला अस्पताल में इलाज करने के लिए आते हैं. इसके अलावा शहडोल जिले के ही लोग नागपुर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में इलाज कराने के लिए जाते हैं वो भी इन्हीं रास्तों से जाते हैं. कई बार गंभीर मरीज को एंबुलेंस के माध्यम से नागपुर और रायपुर जैसी जगह पर ले जाया जाता है, वो भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. अंदाजा लगाइए कि इस मार्ग की कितनी अहमियत है और अगर इस उबड़ खाबड़ और गड्ढों वाले मार्ग से मरीज गुजरेंगे तो उनका क्या हाल होगा.