शहडोल। अप्रैल का महीना चल रहा है और प्रचंड गर्मी पड़ रही है. सूरज की तेज तपिश से लोगों का हाल बेहाल है, तो वहीं दूसरी ओर अब घर की रसोई में बनने वाली सब्जी भी लोगों की हालत बिगाड़ने वाली है. सब्जियों की फसल में जिस तरह से महंगाई की मार देखने को मिल रही है. उससे लोगों को अब अपने मासिक बजट में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं, क्योंकि सब्जियों के दाम भी अब हर दिन आसमान छू रहे हैं.
सब्जियों के दाम छू रहे आसमान
अगर आप हरी भरी सब्जियां खाने के शौकीन हैं और आपकी रसोई में हर दिन हरी सब्जियां बनती हैं तो अब आपको इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. गर्मी का समय चल रहा है. सब्जियां इस समय लोकल स्तर पर भी सप्लाई होने लगती हैं, लेकिन आलम ये है कि फिर भी सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. बरबटी 60 रु किलो है, तो टमाटर भी अब अपने तेवर दिखाते हुए 40रु किलो तक पहुंच चुका है और हर दिन अब इसके भी दाम बढ़ने शुरू हो चुके हैं. गिलकी भी 60 रु किलो बिक रही है. देखा जाए तो ज्यादातर सब्जियां 50 के पार या फिर उसके आसपास पहुंच चुकी हैं. सब्जी व्यापारी राम प्रताप साहू और सोनू गुप्ता बताते हैं कि सब्जियों के दाम इन दिनों लगातार बढ़ रहे हैं और जिस तरह से तेजी आ रही है, उससे लोगों का बजट बिगड़ना तय है.
शहडोल में क्या भाव है सब्जियों का?
रामप्रताप साहू बताते हैं कि वर्तमान में टमाटर, बैगन और भिंडी 40 रु किलो, बरबटी, गिलकी यानि रेरुआ, कटहल और करेला 60 रु किलो, शिमला मिर्च 80 रु किलो, परवल 100रु किलो, खीरा और प्याज 30 रु किलो, लहसुन 200 किलो रु, धनिया 100रु किलो है, फूलगोभी 60रु किलो, इतना ही नहीं इस सीजन में आलू सस्ता रहता है लेकिन वो भी 30रु किलो है और लगातार इसमें तेजी भी आ रही है, जो कि चिंता का विषय है. क्योंकि आलू हर दिन बनने वाली सब्जियों में से एक है. सब्जी व्यापारी कहते हैं कि सब्जियों के दाम में लगातार तेजी आ रही है और अभी कितने दाम बढ़ेंगे कोई नहीं जानता.
आखिर क्यों बढ़ रहे सब्जियों के दाम ?
आखिर क्या वजह है कि सब्जियों के दाम में लगातार तेजी आ रही है. इसे समझने के लिए हमने कई अलग-अलग वर्ग के लोगों से बात की. कुछ सब्जी व्यापारियों का कहना है कि लोकल मार्केट से इस समय अच्छी खासी सब्जियां आने लगती थीं, वजह है कि गर्मी की शरुआत है और ज्यादातर लोकल किसान सब्जियों की खेती इस समय करते हैं लेकिन लोकल से मार्केट में सब्जियां कम आ रही हैं. यह चिंता का विषय है और उसके साथ ही शादियों का समय चल रहा है, जिसमें सब्जियों की खपत भी बहुत ज्यादा है. ऐसे छोटी-छोटी कई वजहें हैं जिसकी वजह से सब्जियों के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं.
सब्जियों के दाम पर मौसम का कितना असर ?
पिछले कुछ समय से जिस तरह से लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, उसकी वजह से सब्जियों के दाम पर कितना असर पड़ा है, इसे समझने के लिए हमने कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति से बात की. उन्होंने कहा, ''अभी कुछ महीने पहले जो बारिश हुई और ओले गिरे तो यह शहडोल में ही नहीं गिरे बल्कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ ओले गिरे. जिसकी वजह से फसलों को नुकसान हुआ. उस समय ज्यादातर किसान गर्मी के सीजन की फसलें अपने खेतों पर लगाए हुए थे और वह छोटी अवस्था में थी. जिसकी वजह से उनके पौधे खराब हो गए और वह फसल उत्पादन नहीं हो पाया.''
कृषि वैज्ञानिक ने आगे कहा, '' इस समय वही फसल मार्केट में आने लगती है लेकिन इस बार कम आ रही है. यही वजह है कि जो स्थानीय मार्केट से सब्जियां बाजार में आती हैं, वह कम आ रही हैं. इसके अलावा अभी जिस तरह से मौसम बदल रहा है. उसका असर सब्जियों की फसल पर रोग व्याधि कीट के तौर पर देखने को मिल रहा है, साथ ही कीड़े मकोड़ों का प्रकोप ज्यादा होगा इससे फसलों को नुकसान हो सकता है''. हाल फिलहाल अभी कुछ दिनों तक तो सब्जियों की दामों पर विराम नहीं लगने वाला है. यह दाम बढ़ते ही जाएंगे और हरी सब्जियों के खाने के शौकीन लोगों को अपने जेब से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.