SHAHDOL FARMER REAPER MACHINE: बदलते वक्त के साथ खेती किसानी में जहां नई-नई चुनौतियां सामने आ रही है, वहीं बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं. कई ऐसी नई मशीन अब मार्केट में आने लग गई है, जो किसानों की बड़ी समस्याओं का हल भी निकाल रही है. साथ ही किसानों को पैसे भी कमा कर दे रही है. इन्हीं में से एक मशीन है रीपर मशीन, जो किसानों के पराली की समस्या को तो दूर करेगी ही, साथ ही साथ मजदूरों की समस्या का समाधान भी करेगी. समय-समय पर किसान के लिए पैसे भी कमा कर लाएगी.
रीपर किसानों के लिए गजब मशीन
खरीफ सीजन का लगभग आखिरी समय चल रहा है. रवि सीजन की तैयारी किसान बड़ी तेजी के साथ कर रहे हैं. ऐसे में अक्सर देखा जाता है कि किसानों को समय पर मजदूर ना मिलने की वजह से खरीफ सीजन में धान की फसल की कटाई समय पर न हो पाने की वजह से रवि सीजन की फसल में देरी हो जाती है. वहीं मजदूरों से कटाई कराने पर खेती की लागत भी बढ़ जाती है. ऐसे में अब किसानों के लिए इस अत्याधुनिक युग में कई सस्ती मशीन भी आने लग गई है. जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इन्हीं में से एक मशीन रीपर मशीन है, जो किसान के घंटे का काम मिनटों में कर रही है. साथ ही ये बहुत ज्यादा दामों पर भी नहीं मिल रही है. सरकार भी इसमें अच्छा खासा अनुदान दे रही है.
रीपर किन फसलों की करती है कटाई
किसानों के लिए बड़ी समस्या होती है कि एक मशीन एक ही फसल की अगर कटाई करेगी, तो किसानों को महंगा पड़ेगा. ऐसे में रीपर मशीन किसानों के लिए इसलिए भी किफायती है क्योंकि ये एक साथ कई सारी फसलों की कटाई कर सकती है. शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी बताते हैं की "रीपर मशीन से धान के फसल की कटाई तो कर ही सकते हैं. साथ ही गेहूं के फसल की कटाई कर सकते हैं. मूंग और उड़द के फसल की भी कटाई करने में ये मशीन सक्षम है.
इतना ही नहीं अभी जो चने की नई वैरायटी आई है. जिसकी कटिंग हार्वेस्टर से कर सकते हैं, उस चने की नई वैरायटी की भी कटाई रीपर मशीन से कर सकते हैं. मतलब अगर आप एक बार रीपर मशीन खरीदते हैं, तो कई तरह की फसलों की कटाई इस रीपर मशीन के माध्यम से कर सकते हैं."
पराली, मजदूर सबका समाधान
रीपर मशीन एक बार अगर किसान घर ले आता है, तो ये कई तरह से उसके लिए फायदेमंद भी है. शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी इस मशीन की तारीफ करते हुए कहते हैं, कि "ये रीपर मशीन फसल की नीचे से कटाई करती है, जिससे जो पराली की समस्या होती है, उस समस्या का भी बड़ा समाधान यह हो सकता है, क्योंकि जब फसल नीचे से कटेगी तो पराली रह ही नहीं जाएगी. जिससे किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. खेत से पराली साफ करने की समस्या से किसान को निजात मिल जाएगा. इसके अलावा ये रीपर मशीन कई मजदूर का काम एक साथ करती है. मतलब घंटे का काम मिनट में भी कर सकती है."
1 घंटे में कितनी कटाई कितना खर्च
रीपर मशीन से अगर फसल की कटाई की जाए तो इसमें खर्च भी बहुत नहीं लगता और समय भी बचता है. कृषि अभियांत्रिकी विभाग शहडोल के असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी कहते हैं की रीपर मशीन से अगर कोई किसान 1 एकड़ की फसल की कटाई करता है, तो उसे 1 घंटे का समय लगभग लगेगा. इस दौरान उसे डेढ़ से 2 लीटर पेट्रोल लगेगा. मतलब किसान कम लागत में ज्यादा फसल की कटाई कर सकता है.
किसानों को मालामाल कर देने वाली मशीन
एक तरह से देखा जाए तो रीपर मशीन किसानों को मालामाल कर देने वाली मशीन साबित हो सकती है. वजह यह है कि जब किसान के फसल की समय से कटाई होगी तो दूसरी फसल किसान समय से लगा सकता है. जिससे पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी. समय से कटाई होगी, तो फसल बर्बाद नहीं होगी. उसमें भी फसल में मुनाफा होगा. इसके अलावा मजदूरों से कटाई में जितनी लागत बढ़ जाती थी, वो लागत बचेगी. कम खर्चे में समय से फसल की कटाई हो जाएगी. इसके अलावा ये मशीन जब नीचे से फसल की कटाई करेगी तो भूसा भी ज्यादा बनेगा. कई जगहों पर भूसा भी अच्छे दामों पर खरीदे जाते हैं. इससे किसानों को मुनाफा भी होगा.
इसके साथ ही किसान चाहे तो इस मशीन को खरीदने के बाद अपने खेतों का काम तो कर ही सकता है. इसके अलावा दूसरे के खेतों में भी काम कर सकता है. किराए पर अपनी मशीन चला सकता है. रीपर मशीन को लेकर किराया ₹700 प्रति घंटे के हिसाब से चल रहा है. ऐसे में ये मशीन किसान को समय-समय पर पैसे भी कमा कर दे सकती है.
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सरकार दे रही अनुदान
इस मशीन को लेकर सरकार भी मदद कर रही है. शहडोल कृषि अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर आरके पयासी कहते हैं की 'रीपर मशीन को खरीदने के लिए सामान्य वर्ग के दो हेक्टेयर से अधिक जमीन वाले पुरुष कृषक को 40% तक का अधिकतम अनुदान है. मतलब 63000 रुपये की छूट मिलेगी, तो वहीं एसटी-एससी और लघु सीमांत अथवा महिला कृषक के लिए 50% अधिकतम अनुदान मतलब 75,000 का अनुदान मिलेगा. ये मशीन डेढ़ लाख के करीब आ जाती है.
इस मशीन की कीमत में वैसे अलग-अलग कंपनियों में रेट में थोड़ी बहुत फर्क देखा जा सकता है, लेकिन वो मामूली फर्क होता है. अनुदान पर मशीन खरीदने के लिए आप अपने जिले के सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग में भी जाकर संपर्क कर सकते हैं.