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महाकुंभ में सिंहस्थ कुंभ की चर्चा हुई तेज, ज्योतिषीय गणना के आधार होता है आयोजन - SIMHASTHA KUMBH PREPARATION

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में जुटी हुई है. यहां करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे.

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महाकुंभ में सिंहस्थ कुंभ की चर्चा हुई तेज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 9:45 PM IST

Simhastha Kumbh (अखिलेश शुक्ला): हिंदू धर्म में महाकुंभ और सिंहस्थ को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. आज कल प्रयागराज में महाकुंभ की धूम है, जहां भी देखो वहां साधू संत धूनी लगाए नजर आ रहे हैं. इस महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इन दिनों पूरा प्रयागराज भक्तिमय हुआ पड़ा है. जहां भी नजर जाती है, वहां श्रद्धालुओं का हुजूम दिखाई पड़ता है. इसमें बड़े-बूढ़े, महिला पुरुष और बच्चे-बच्चियां बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. इस महाकुंभ का समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. इसमें सिंहस्थ कुंभ को लेकर चर्चाएं भी जोर शोर से होने लगी हैं.

कब और कहां होगा सिंहस्थ कुंभ का आयोजन?

इन दिनों प्रयागराज में जो महाकुंभ चल रहा है, ऐसा पुण्य अवसर 144 साल बाद आया है. इस महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए दूर-दराज से भक्तगण पहुंच रहे हैं. बता दें कि महाकुंभ तो सिर्फ प्रयागराज में आयोजित किया जाता है, लेकिन कुंभ का जो आयोजन होता है वह भारत के 4 प्रमुख शहर हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज और उज्जैन में होता है. महाकुंभ के बाद अब जो अगला कुंभ आयोजित होगा वह सिंहस्थ कुंभ होगा. इसकी चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है. आखिर सिंहस्थ कुंभ कब और कहां होना है.

सिंहस्थ कुंभ सिर्फ 2 जगह पर

देश में सिंहस्थ कुंभ सिर्फ 2 शहरों में आयोजित होता, ये शहर नासिक और उज्जैन है. इस बार सिंहस्थ कुंभ साल 2028 में महाकाल की नगरी उज्जैन में आयोजित किया जाएगा. जिसका बेसब्री से श्रद्धालु इंतजार कर रहे हैं. वहीं सरकार और प्रशासन इसकी तैयारी में अभी से जुट गया है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "ज्योतिष गणना की माने तो जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे होते हैं, तो नासिक और उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन किया जाता है. सिंहस्थ कुंभ का अपना एक अलग ही महत्व और मान्यता है. इसमें क्षिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु एक बड़ा सैलाब उमड़ता है."

महाकुंभ में कब क्या?

बता दें कि फिलहाल महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में चल रहा है. इसमें आस्था की डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इस महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है, ये महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. मकर संक्रांति के बाद मौनी अमावस्या 29 जनवरी को अमृत स्नान होगा, इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का अमृत स्नान होगा.

इस दिन होगा अंतिम अमृत स्नान

इस महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को महा शिवरात्रि पर किया जाएगा. इस स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा और फिर सिंहस्थ कुंभ का इंतजार लोगों का और बढ़ जाएगा. क्योंकि इसी कुंभ की तरह सिंहस्थ कुंभ में भी श्रद्धालुओं और भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो अपने पापों को दूर करने के लिए आस्था की डुबकी लगाने वहां पहुंचते हैं.

Simhastha Kumbh (अखिलेश शुक्ला): हिंदू धर्म में महाकुंभ और सिंहस्थ को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. आज कल प्रयागराज में महाकुंभ की धूम है, जहां भी देखो वहां साधू संत धूनी लगाए नजर आ रहे हैं. इस महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इन दिनों पूरा प्रयागराज भक्तिमय हुआ पड़ा है. जहां भी नजर जाती है, वहां श्रद्धालुओं का हुजूम दिखाई पड़ता है. इसमें बड़े-बूढ़े, महिला पुरुष और बच्चे-बच्चियां बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. इस महाकुंभ का समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. इसमें सिंहस्थ कुंभ को लेकर चर्चाएं भी जोर शोर से होने लगी हैं.

कब और कहां होगा सिंहस्थ कुंभ का आयोजन?

इन दिनों प्रयागराज में जो महाकुंभ चल रहा है, ऐसा पुण्य अवसर 144 साल बाद आया है. इस महाकुंभ में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए दूर-दराज से भक्तगण पहुंच रहे हैं. बता दें कि महाकुंभ तो सिर्फ प्रयागराज में आयोजित किया जाता है, लेकिन कुंभ का जो आयोजन होता है वह भारत के 4 प्रमुख शहर हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज और उज्जैन में होता है. महाकुंभ के बाद अब जो अगला कुंभ आयोजित होगा वह सिंहस्थ कुंभ होगा. इसकी चर्चा भी जोर पकड़ने लगी है. आखिर सिंहस्थ कुंभ कब और कहां होना है.

सिंहस्थ कुंभ सिर्फ 2 जगह पर

देश में सिंहस्थ कुंभ सिर्फ 2 शहरों में आयोजित होता, ये शहर नासिक और उज्जैन है. इस बार सिंहस्थ कुंभ साल 2028 में महाकाल की नगरी उज्जैन में आयोजित किया जाएगा. जिसका बेसब्री से श्रद्धालु इंतजार कर रहे हैं. वहीं सरकार और प्रशासन इसकी तैयारी में अभी से जुट गया है. ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "ज्योतिष गणना की माने तो जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे होते हैं, तो नासिक और उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन किया जाता है. सिंहस्थ कुंभ का अपना एक अलग ही महत्व और मान्यता है. इसमें क्षिप्रा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु एक बड़ा सैलाब उमड़ता है."

महाकुंभ में कब क्या?

बता दें कि फिलहाल महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में चल रहा है. इसमें आस्था की डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इस महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है, ये महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा. मकर संक्रांति के बाद मौनी अमावस्या 29 जनवरी को अमृत स्नान होगा, इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का अमृत स्नान होगा.

इस दिन होगा अंतिम अमृत स्नान

इस महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को महा शिवरात्रि पर किया जाएगा. इस स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा और फिर सिंहस्थ कुंभ का इंतजार लोगों का और बढ़ जाएगा. क्योंकि इसी कुंभ की तरह सिंहस्थ कुंभ में भी श्रद्धालुओं और भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो अपने पापों को दूर करने के लिए आस्था की डुबकी लगाने वहां पहुंचते हैं.

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