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शहडोल में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर या इकतरफा होंगे नतीजे? जानें किनके बीच है मुकाबला - SHAHDOL LOK SABHA SEAT 2024 - SHAHDOL LOK SABHA SEAT 2024

शहडोल लोकसभा में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. यहां के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है. बीजेपी के ओर से वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह है तो दूसरी ओर कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में हैट्रिक पूरा करने वाले फुंदेलाल सिंह को उतारा है.

Voting is going to be held in the first phase in Shahdol Lok Sabha, here there is a close contest between BJP and Congress.
शहडोल लोकसभा में पहले चरण में मतदान होने जा रहा है, यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का टक्कर है.
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 18, 2024, 12:14 PM IST

शहडोल. लोकसभा चुनाव 2024 का पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. इसके लिए चुनावी प्रचार का दौर खत्म हो गया है. वहीं इसी के साथ चुनावी शोरगुल भी थम गया है. शहडोल लोकसभा सीट पर भी पहले चरण में ही मतदान होने हैं. शहडोल आदिवासी बहुल सीट है और यह आदिवासियों के लिए आरक्षित है. यहां के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि शहडोल में कांटे का टक्कर होने जा रहा है.

शहडोल में कांटे की टक्कर क्यों?

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने मोदी की गारंटी नारा बुलंद किया है. शहडोल से बीजेपी की वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह को फिर से प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने बहुत सोच विचार करने के बाद फुंदेलाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. पिछले विधानसभा में मध्यप्रदेश में बीजेपी को शानदार जीत मिली, लेकिन इस मोदी लहर में भी कांग्रेस के फुन्देलाल ने तीसरी बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई थी. अब वे सांसद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.यही वजह है कि शहडोल में कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

दोनों नेता का अपने क्षेत्र में वर्चस्व

शहडोल हिमाद्री सिंह की गृह नगर सीट है और वे वर्तमान सांसद भी हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी. वहीं फुंदेलाल पुष्पराजगढ़ से विधायक हैं. वे विधानसभा में तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं लेकिन पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही आदिवासी नेताओं का क्षेत्र और अपने समाज में वर्चस्व है. इस कांटे की टक्कर में देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है, जनता किसे अपना सांसद चुनती है.

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फुंदेलाल मास्टर रह चुके हैं

फुंदेलाल सिंह मार्को राजनीति में आने से पहले टीचर थे. 58 वर्षीय फुंदेलाल सिंह मार्को की राजनीति में शुरुआत से ही दिलचस्पी रही है. अपने छात्र जीवन में ही वे कॉलेज में अध्यक्ष चुने गए थे, फिर युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी बनाए गए. 1987 से 1993 तक उन्होंने राजेंद्रग्राम में सहायक शिक्षक के पद पर काम किया. इसके बाद 1994 से 1999 तक जिला पंचायत शहडोल, जिला शहडोल के सदस्य निर्वाचित हुए. वहीं से फिर से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पुष्पराजगढ़ से लगातार तीन बार जीत कर विधायक चुने गए.

ऐसा रहा है हिमाद्री सिंह का सफर

दूसरी और भाजपा की वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी हैं. हिमाद्री सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की थी और अब 2024 के भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी से प्रत्याशी हैं, अब देखना दिलचस्प होगा की मास्टर यानी फुंदेलाल किस तरह से मोदी की गारंटी के साथ हिमाद्री सिंह का मुकाबला कर पाते हैं.

शहडोल. लोकसभा चुनाव 2024 का पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. इसके लिए चुनावी प्रचार का दौर खत्म हो गया है. वहीं इसी के साथ चुनावी शोरगुल भी थम गया है. शहडोल लोकसभा सीट पर भी पहले चरण में ही मतदान होने हैं. शहडोल आदिवासी बहुल सीट है और यह आदिवासियों के लिए आरक्षित है. यहां के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि शहडोल में कांटे का टक्कर होने जा रहा है.

शहडोल में कांटे की टक्कर क्यों?

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने मोदी की गारंटी नारा बुलंद किया है. शहडोल से बीजेपी की वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह को फिर से प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने बहुत सोच विचार करने के बाद फुंदेलाल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. पिछले विधानसभा में मध्यप्रदेश में बीजेपी को शानदार जीत मिली, लेकिन इस मोदी लहर में भी कांग्रेस के फुन्देलाल ने तीसरी बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई थी. अब वे सांसद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.यही वजह है कि शहडोल में कांटे की टक्कर मानी जा रही है.

दोनों नेता का अपने क्षेत्र में वर्चस्व

शहडोल हिमाद्री सिंह की गृह नगर सीट है और वे वर्तमान सांसद भी हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की थी. वहीं फुंदेलाल पुष्पराजगढ़ से विधायक हैं. वे विधानसभा में तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं लेकिन पहली बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों ही आदिवासी नेताओं का क्षेत्र और अपने समाज में वर्चस्व है. इस कांटे की टक्कर में देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है, जनता किसे अपना सांसद चुनती है.

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फुंदेलाल मास्टर रह चुके हैं

फुंदेलाल सिंह मार्को राजनीति में आने से पहले टीचर थे. 58 वर्षीय फुंदेलाल सिंह मार्को की राजनीति में शुरुआत से ही दिलचस्पी रही है. अपने छात्र जीवन में ही वे कॉलेज में अध्यक्ष चुने गए थे, फिर युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी बनाए गए. 1987 से 1993 तक उन्होंने राजेंद्रग्राम में सहायक शिक्षक के पद पर काम किया. इसके बाद 1994 से 1999 तक जिला पंचायत शहडोल, जिला शहडोल के सदस्य निर्वाचित हुए. वहीं से फिर से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पुष्पराजगढ़ से लगातार तीन बार जीत कर विधायक चुने गए.

ऐसा रहा है हिमाद्री सिंह का सफर

दूसरी और भाजपा की वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी हैं. हिमाद्री सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की थी और अब 2024 के भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी से प्रत्याशी हैं, अब देखना दिलचस्प होगा की मास्टर यानी फुंदेलाल किस तरह से मोदी की गारंटी के साथ हिमाद्री सिंह का मुकाबला कर पाते हैं.

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