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आ गया कड़कनाथ मुर्गे का कॉकटेल, जल्द बना देगा लखपति, एटीएम की तरह उगलेगा पैसा - Shahdol chickens farming

कड़कनाथ के कॉकटेल का पालन कर किसान कम समय में ही अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे-मुर्गी का मांस स्वादिष्ट होता है और इससे 170 से 190 अंडे प्रतिवर्ष प्राप्त होंगे.

NARMADA NIDHI BREED CHICKENS
नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे-मुर्गी का पालन कर बनें लखपति (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 9:39 PM IST

Narmada Nidhi Breed Chickens: मुर्गों में अगर कड़कनाथ की बात की जाए, तो हर कोई ये सवाल करने लगता है कि आखिर कड़कनाथ कहां मिलेगा. कड़कनाथ मुर्गे की बाजार में काफी डिमांड है, लेकिन आपको एक ऐसी मुर्गे की प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी जल्द ही बाजार में डिमांड बढ़ सकती है. मुर्गे की इस प्रजाति के आगे कड़कनाथ भी फेल है, क्योंकि यह कड़कनाथ का कॉकटेल है. इसका मतलब यह हुआ कि कॉकटेल कड़कनाथ को कड़कनाथ और एक अन्य मुर्गी के क्रॉस से तैयार किया गया है. कॉकटेल प्रजाति के मुर्गे-मुर्गी की ये ऐसी प्रजाति है जिसका पालन करने वाला व्यक्ति बहुत कम समय में मालामाल हो सकता है, क्योंकि साल भर में ही ये अंडों का ढेर लगा देता है. इसका मांस भी बिल्कुल कड़कनाथ की तरह बताया जाता है.

कड़कनाथ कॉकटेल का पालन किसानों के लिए होगा मुनाफे का सौदा (ETV Bharat)

बैकयार्ड में कर सकते हैं इसका पालन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "जिस मुर्गे-मुर्गी की प्रजाति की हम बात करने जा रहे हैं, उसका नाम नर्मदा निधि है. इसे नानाजी देशमुख पशु विश्वविद्यालय जबलपुर के द्वारा विकसित किया गया है. यह जबलपुर के कलर और यहां के नेटिव पक्षी कड़कनाथ के साथ क्रॉस करने के बाद नर्मदा निधि प्रजाति को विकसित किया गया है. इसमें 25 प्रतिशत कड़कनाथ का कैरेक्टर लक्षण आते हैं और 75 प्रतिशत तक जबलपुर कलर मुर्गी के लक्षण आते हैं. इसका बैकयार्ड पोल्ट्री के रूप में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस देखने को मिला है, यानी घर के पीछे जो थोड़ी-बहुत जगह होती है, वहां पर इसका पालन किया जा सकता है. नर्मदा निधि किस्म की मुर्गे का पालन किसानों के लिए बहुत लाभदायक है."

नर्मदा निधि में क्या है खासियत

डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "शहडोल जिला, ग्रामीण बाहुल्य आदिवासी जिला है. यहां मुर्गी पालन करने वाले किसान मुख्य रूप से आरआईआर किस्म के मुर्गी का पालन करते हैं, जो कि बैकयार्ड पोल्ट्री के अंतर्गत किया जाता है. जिसमें मुर्गा 1 किलो वजन प्राप्त करने में 180 से 190 दिन से अधिक का समय लगता है. लेकिन जो नर्मदा निधि किस्म के मुर्गे, देसी मुर्गे-मुर्गियों की तुलना में जल्दी ग्रो करता है. नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे महज ढाई महीने में ही 800 से 900 ग्राम वजन प्राप्त कर लेते हैं. नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे 140 दिनों में ही डेढ़ किलो वजन के हो जाते हैं, वहीं, इस प्रजाति के मुर्गी भी 140 दिनों में सवा किलो की हो जाती है. ऐसे में इसका पालन कर कम समय में अधिक वजन का मुर्गा-मुर्गी प्राप्त किया जा सकता है.

MADHYA PRADESH POULTRY FARMING
कड़कनाथ कॉकटेल का पालन कर कमा सकते अधिक लाभ (ETV Bharat)

अंडों की होगी बारिश, एटीएम की तरह उगलेगा पैसा

कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गी की खास बात यह है कि इसका डुअल परपज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये अंडे के साथ-साथ मांस के लिए भी उपयोग में लाया जाता है. नर्मदा निधि प्रजाति की मुर्गे किसी एटीएम से कम नहीं है, क्योंकि इसका पालन करने पर 170 से 190 अंडे प्रतिवर्ष प्राप्त होंगे. जबकि देसी मुर्गियों से केवल 45 से 50 अंडे ही प्रतिवर्ष मिलते हैं. नर्मदा निधि मुर्गे सेहत के लिए भी कड़कनाथ की तरह ही फायदेमंद है. किसान इसका पालन कर किसान कम समय में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

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20 गांव में किसानों ने लगाई ऐसी फसल घर बैठे बन बिलेनियर, रातोंरात चट हुई खेतों से फसल

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नमर्दानिधि पालन के फायदे

नर्मदा निधि मुर्गे मुर्गियों के फायदे बताते हुए डॉ. बी के प्रजापति ने बताया कि इसमें बीमारियां कम लगती हैं. बारिश के मौसम में अन्य मुर्गियों में बीमारी लगने का डर ज्यादा रहता है. नर्मदा निधि मुर्गे का मांस बहुत टेस्टी होता है, इसमें फैट कंटेंट कम होता है. प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें अन्य न्यूट्रिशन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें आयरन बहुत ज्यादा होता है. यह कुपोषण की समस्या से निवारण के लिए भी बहुत फायदे का सौदा हो सकता है.

Narmada Nidhi Breed Chickens: मुर्गों में अगर कड़कनाथ की बात की जाए, तो हर कोई ये सवाल करने लगता है कि आखिर कड़कनाथ कहां मिलेगा. कड़कनाथ मुर्गे की बाजार में काफी डिमांड है, लेकिन आपको एक ऐसी मुर्गे की प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी जल्द ही बाजार में डिमांड बढ़ सकती है. मुर्गे की इस प्रजाति के आगे कड़कनाथ भी फेल है, क्योंकि यह कड़कनाथ का कॉकटेल है. इसका मतलब यह हुआ कि कॉकटेल कड़कनाथ को कड़कनाथ और एक अन्य मुर्गी के क्रॉस से तैयार किया गया है. कॉकटेल प्रजाति के मुर्गे-मुर्गी की ये ऐसी प्रजाति है जिसका पालन करने वाला व्यक्ति बहुत कम समय में मालामाल हो सकता है, क्योंकि साल भर में ही ये अंडों का ढेर लगा देता है. इसका मांस भी बिल्कुल कड़कनाथ की तरह बताया जाता है.

कड़कनाथ कॉकटेल का पालन किसानों के लिए होगा मुनाफे का सौदा (ETV Bharat)

बैकयार्ड में कर सकते हैं इसका पालन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "जिस मुर्गे-मुर्गी की प्रजाति की हम बात करने जा रहे हैं, उसका नाम नर्मदा निधि है. इसे नानाजी देशमुख पशु विश्वविद्यालय जबलपुर के द्वारा विकसित किया गया है. यह जबलपुर के कलर और यहां के नेटिव पक्षी कड़कनाथ के साथ क्रॉस करने के बाद नर्मदा निधि प्रजाति को विकसित किया गया है. इसमें 25 प्रतिशत कड़कनाथ का कैरेक्टर लक्षण आते हैं और 75 प्रतिशत तक जबलपुर कलर मुर्गी के लक्षण आते हैं. इसका बैकयार्ड पोल्ट्री के रूप में बहुत अच्छा परफॉर्मेंस देखने को मिला है, यानी घर के पीछे जो थोड़ी-बहुत जगह होती है, वहां पर इसका पालन किया जा सकता है. नर्मदा निधि किस्म की मुर्गे का पालन किसानों के लिए बहुत लाभदायक है."

नर्मदा निधि में क्या है खासियत

डॉ. बीके प्रजापति बताते हैं कि "शहडोल जिला, ग्रामीण बाहुल्य आदिवासी जिला है. यहां मुर्गी पालन करने वाले किसान मुख्य रूप से आरआईआर किस्म के मुर्गी का पालन करते हैं, जो कि बैकयार्ड पोल्ट्री के अंतर्गत किया जाता है. जिसमें मुर्गा 1 किलो वजन प्राप्त करने में 180 से 190 दिन से अधिक का समय लगता है. लेकिन जो नर्मदा निधि किस्म के मुर्गे, देसी मुर्गे-मुर्गियों की तुलना में जल्दी ग्रो करता है. नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे महज ढाई महीने में ही 800 से 900 ग्राम वजन प्राप्त कर लेते हैं. नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गे 140 दिनों में ही डेढ़ किलो वजन के हो जाते हैं, वहीं, इस प्रजाति के मुर्गी भी 140 दिनों में सवा किलो की हो जाती है. ऐसे में इसका पालन कर कम समय में अधिक वजन का मुर्गा-मुर्गी प्राप्त किया जा सकता है.

MADHYA PRADESH POULTRY FARMING
कड़कनाथ कॉकटेल का पालन कर कमा सकते अधिक लाभ (ETV Bharat)

अंडों की होगी बारिश, एटीएम की तरह उगलेगा पैसा

कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि नर्मदा निधि प्रजाति के मुर्गी की खास बात यह है कि इसका डुअल परपज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. ये अंडे के साथ-साथ मांस के लिए भी उपयोग में लाया जाता है. नर्मदा निधि प्रजाति की मुर्गे किसी एटीएम से कम नहीं है, क्योंकि इसका पालन करने पर 170 से 190 अंडे प्रतिवर्ष प्राप्त होंगे. जबकि देसी मुर्गियों से केवल 45 से 50 अंडे ही प्रतिवर्ष मिलते हैं. नर्मदा निधि मुर्गे सेहत के लिए भी कड़कनाथ की तरह ही फायदेमंद है. किसान इसका पालन कर किसान कम समय में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

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नर्मदा निधि मुर्गे मुर्गियों के फायदे बताते हुए डॉ. बी के प्रजापति ने बताया कि इसमें बीमारियां कम लगती हैं. बारिश के मौसम में अन्य मुर्गियों में बीमारी लगने का डर ज्यादा रहता है. नर्मदा निधि मुर्गे का मांस बहुत टेस्टी होता है, इसमें फैट कंटेंट कम होता है. प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें अन्य न्यूट्रिशन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें आयरन बहुत ज्यादा होता है. यह कुपोषण की समस्या से निवारण के लिए भी बहुत फायदे का सौदा हो सकता है.

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