शहडोल। शनिवार से जिले में झमाझम बरसात की शुरुआत हो गई है. तेज बारिश शुरू होते ही किसानों के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान आ गई. वजह थी कि इस बारिश का लंबे समय से शहडोल में किसान इंतजार कर रहे थे. शहडोल में अब तक तेज बारिश नहीं हुई थी. जिसकी वजह से किसानों ने सही तरीके से बुवाई शुरू नहीं की थी, लेकिन इस बारिश ने अब किसानों का उत्साह एक बार फिर से बढ़ा दिया है.
तेज बारिश का दौर शुरू
शहडोल जिले में कुछ दिन पहले हल्की बारिश हुई थी. उसके बाद से कभी तेज धूप हो रही थी कभी आसमान में बादल छा रहे थे. कभी हवाएं चल रही थी, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी. जिसकी वजह से किसान चिंतित थे, क्योंकि अब जून का महीना खत्म होने को है और जुलाई के महीने की शुरुआत होने वाली है. अब तक किसान बुवाई की शुरुआत नहीं कर पाए थे. इस बात को लेकर किसान चिंतित थे. 29 जून शनिवार को झमाझम बरसात की शुरुआत हो गई. लगभग 1 घंटे तक तेज बारिश हुई और फिर उसके बाद से ही रिमझिम फुहार वाली बारिश का दौर जारी है.
कब तक रहेगा बारिश वाला मौसम
मौसम विभाग के जानकारों कि माने तो बारिश की जो ये शुरुआत हुई है. अब बारिश वाला मौसम बना रहेगा, अभी अगले एक हफ्ते के मौसम रिपोर्ट पर नजर डालें तो अभी बारिश का अनुमान है. एक-दो दिन तेज बारिश का अनुमान लगाया गया है. बारिश अच्छी होने से खेती का काम तेजी से जारी होगा.
अब तेज़ी से होगा बुवाई का काम
जिस तरह से बारिश हुई है और रिमझिम फुहार का दौर जारी है. उसके बाद से किसानों के चेहरे तो खिल गए हैं. किसान बाबूलाल सिंह और मुन्ना कोल बताते हैं कि "जहां वो खेती करते हैं वो वर्षा आधारित खेती है. सिंचाई का साधन नहीं है, जब बारिश होती है उसके बाद ही फसलों की बुवाई का काम शुरू होता है और एक ही सीजन की खेती करते हैं. प्रमुख तौर पर धान की फसल लगाते हैं, लेकिन अब तक बारिश नहीं हुई थी. जिससे वो काफी चिंतित थे. अब बरसात की शुरुआत हो गई है, जिससे किसानों के चेहरे पर भी खुशी आ गई है."
शहडोल में धान प्रमुख फसल
शहडोल आदिवासी बहुल इलाका है और यहां पर सबसे ज्यादा बड़े रकबे में खरीफ के सीजन में खेती की जाती है. यहां के ज्यादातर किसान वर्षा पर आश्रित होकर खेती करते हैं. बारिश के अनुसार वो फसल लगाना शुरू करते हैं. इस क्षेत्र की पूरी खेती बारिश पर आश्रित होती है. शहडोल जिले में प्रमुख तौर पर धान की फसल लगाई जाती है, और सबसे ज्यादा रकबे में धान की खेती की जाती है. हालांकि इसके अलावा कुछ रकबे में सोयाबीन कहीं-कहीं उड़द तिल की खेती की जाती है.