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शहडोल जिले के आदिवासी मजदूरों को आंध्रप्रदेश में 'बंधक' बनाया, खाने के नाम पर केवल चावल व नमक - family request to shahdol sp

Shahdol laborers hostage : शहडोल जिले के 12 आदिवासी मजदूरों के साथ आंध्रप्रदेश में अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें वहां कुछ लोगों ने एक प्रकार से बंधक बना लिया है. मजदूरों के परिजनों ने इस बारे में शहडोल एसपी से गुहार लगाई है.

shahdol laborers hostage
शहडोल जिले के आदिवासी मजदूरों को आंध्रप्रदेश में 'बंधक' बनाया
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 3:37 PM IST

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य है. यहां के ज्यादातर आदिवासी वर्ग के मजदूर काम के लिए बाहर पलायन करते हैं. ये मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं. ताजा मामला शहडोल जिले के 12 आदिवासी युवकों का है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर में इन मजदूरों के सथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. किसी प्रकार इन मजदूरों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी है.

मजदूरों के परिजनों ने एसपी को सौंपा पत्र

पीड़ित मजदूरों के परिजनों ने एसपी से उन्हें घर वापस लाने की गुहार लगाई है. परिजनों ने बताया कि ये पत्र एसपी को उन्होंने 5 फरवरी को सौंपा है. लेकिन इसमें 9 दिन के बाद भी अब तक कुछ भी नहीं हुआ. परिजनों ने बताया कि वहां उनके बच्चों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. एक सप्ताह काम कराया, पैसे मांगने पर नहीं दिए. उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि अगर गुपचुप तरीके से वापस लौटे तो जिंदा घर नहीं पहुंच पाओगे. उनके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है. वहीं, एसपी कुमार प्रतीक का कहना है "शिकायत मिली है, जल्द ही वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."

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एसपी से शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं

मजदूरों के परिजनों ने बताया कि खाने के नाम पर सिर्फ नमक और चावल दिया जा रहा है. शहडोल के वार्ड क्रमांक एक की रहने वाली श्याम बाई कोल बताती हैं "उनके बेटों सहित अन्य युवकों को आंध्र प्रदेश में बंधक बनाए जाने की शिकायत शहडोल एसपी से की गई. 9 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक बेटे घर नहीं पहुंचे हैं." परिजनों ने बताया कि जिन लोगों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है उनमें समीर कोल, जितेंद्र कोल, राजेश कोल, रोहित कोल, गुरवाही का रहने वाला राजा कोल, सिंहपुर गांव का रहने वाला छोटू कोल,, पटना गांव का रहने वाला गोलू कोल, मिठौरी का रहने वाला सीता शरण कोल, सोमनाथ उनकी पत्नी बेला कोल और जबेश कोल सहित अन्य युवक हैं.

शहडोल। शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य है. यहां के ज्यादातर आदिवासी वर्ग के मजदूर काम के लिए बाहर पलायन करते हैं. ये मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं. ताजा मामला शहडोल जिले के 12 आदिवासी युवकों का है. आंध्र प्रदेश के चित्तूर में इन मजदूरों के सथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. किसी प्रकार इन मजदूरों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी है.

मजदूरों के परिजनों ने एसपी को सौंपा पत्र

पीड़ित मजदूरों के परिजनों ने एसपी से उन्हें घर वापस लाने की गुहार लगाई है. परिजनों ने बताया कि ये पत्र एसपी को उन्होंने 5 फरवरी को सौंपा है. लेकिन इसमें 9 दिन के बाद भी अब तक कुछ भी नहीं हुआ. परिजनों ने बताया कि वहां उनके बच्चों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. एक सप्ताह काम कराया, पैसे मांगने पर नहीं दिए. उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. उन्हें डराया धमकाया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि अगर गुपचुप तरीके से वापस लौटे तो जिंदा घर नहीं पहुंच पाओगे. उनके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया जा रहा है. वहीं, एसपी कुमार प्रतीक का कहना है "शिकायत मिली है, जल्द ही वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."

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मजदूरों के परिजनों ने बताया कि खाने के नाम पर सिर्फ नमक और चावल दिया जा रहा है. शहडोल के वार्ड क्रमांक एक की रहने वाली श्याम बाई कोल बताती हैं "उनके बेटों सहित अन्य युवकों को आंध्र प्रदेश में बंधक बनाए जाने की शिकायत शहडोल एसपी से की गई. 9 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक बेटे घर नहीं पहुंचे हैं." परिजनों ने बताया कि जिन लोगों के साथ बंधकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है उनमें समीर कोल, जितेंद्र कोल, राजेश कोल, रोहित कोल, गुरवाही का रहने वाला राजा कोल, सिंहपुर गांव का रहने वाला छोटू कोल,, पटना गांव का रहने वाला गोलू कोल, मिठौरी का रहने वाला सीता शरण कोल, सोमनाथ उनकी पत्नी बेला कोल और जबेश कोल सहित अन्य युवक हैं.

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