शहडोल। जिले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने बाइक चोरों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बड़े शातिर अंदाज में बाइक तो चोरी करते ही थे. साथ में उस बाइक को दूसरे ग्राहकों को बेच भी देते थे. इसके लिए एक पूरा गिरोह ही सक्रिय था. जो अपने अपने क्षेत्र के मास्टरमाइंड थे. ये चोर गिरोह बड़े शातिर अंदाज में बाइक चोरी की वारदात को अंजाम देता था.
कोतवाली पुलिस को मिली बड़ी सफलता
शहडोल जिले के कोतवाली थाने की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि 'जिस बाइक चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली है. उनमें चार लोग हैं और यह चारों ही लोग बड़े शातिर अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. उनके पास से 27 चोरी की बाइक भी जब्त की गई है. उनके खिलाफ कई अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है. इन बाइक चोर गिरोह से और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.'
ऐसे देते थे चोरी की वारदात को अंजाम
कोतवाली थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि 'यह बाइक चोर गिरोह बड़े शातिर अंदाज में चोरी की वारदात को अंजाम देता था. इसमें से राजेश सिंह गोंड़ नाम का व्यक्ति सुनसान जगह से पहले बाइक की चोरी करता था. किसी की भी बाइक मौका पाने पर उड़ा देता था. लोगों को पता नहीं चलता था और फिर उसके बाद वो अपने दूसरे साथी राजेश मौर्य से संपर्क करता था. राजेश मौर्य के संपर्क से उसके जीजा को जो छत्तीसगढ़ के कोटाडोल का रहने वाला है, जिसका नाम परशुराम मौर्य है. ये पेशे से झोलाछाप डॉक्टर भी है. ये उस चोरी की बाइक के लिए कस्टमर ढूंढता था और उसे बेचने में मदद करता था.
बाइक बेचने से पहले इस चोर गिरोह में एक और युवक था जिसका नाम रवि कुशवाहा है और यह कुछ गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज भी बना लेता था. उन फर्जी दस्तावेजों की मदद से राजेश मौर्य के जीजा परशुराम मौर्य जो की झोलाछाप डॉक्टर है. उसके पहचान का फायदा उठाते हुए उसके माध्यम से इन गाड़ियों को बेचा जाता था. बताया जा रहा है कि जो परशुराम मौर्य है. उसकी क्षेत्र में सामाजिक पकड़ अच्छी थी. क्षेत्र में उसकी पहचान अच्छी थी. लोग उस पर भरोसा करते थे तो उसके भरोसे पर गाड़ी को खरीद भी लेते थे, लेकिन अब जब पुलिस ने इस बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है. उसके बाद से कई हैरान कर देने वाले बातें सामने आ रही हैं.
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सेकंड हैंड बाइक खरीदने में बरतें सावधानी
गौरतलब है कि जिस तरह से ये चोर गिरोह बाइक चोरी करता था. फर्जी कागजात बनाता था और फिर उसे शातिर अंदाज में बेच देता था. ऐसे में अगर आप भी सेकंड हैंड बाइक खरीदते हैं, तो थोड़ी सावधानी बरते और सजग रहें. कागजों की अच्छे से जांच पड़ताल करें. उसके बाद ही बाइक खरीदें, नहीं तो आप भी इसी तरह से फर्जीवाड़े के शिकार हो जाएंगे. आपको भी बड़ी चपत लग जाएगी. जिस तरह से ये बाइक चोर गिरोह लोगों को चपत लगाता था.