प्रयागराज: प्रयागराज में मी टू केस के पहले आरोपी (Sexual harrasment in Prayagraj) रहे ट्यूशन टीचर को प्रयागराज पुलिस की मजबूत पैरवी की वजह से कोर्ट ने मंगलवार को सजा सुनाई. शहर के सिविल लाइंस थाने में छात्रा के सोशल मीडिया में की गए शिकायत का संज्ञान लेते हुए डीजीपी के निर्देश पर 2019 में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में मंगलवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आरोपी ट्यूशन टीचर को 20 साल की सजा और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी थी. साथ ही धमकी देने के आरोप में दो साल की सजा और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई.
ट्यूशन टीचर के खिलाफ वर्ष 2019 में दर्ज हुआ था केस: साल 2019 में कई नामी हस्तियों ने बचपन में हुए शारीरिक शोषण के मामलों को सार्वजनिक किया जा रहा था. उस वक्त कई युवतियों और महिलाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दर्द शेयर किया था. उन्होंने बताया था कि कैसे बचपन में उनका शारीरिक शोषण हुआ. इन मामलों में आरोपियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई पुलिस कर रही थी.
डीजीपी ने लिया दर्ज कराया थी FIR: साल 2019 में ही सिविल लाइंस की एक बालिग युवती ने सोशल मीडिया में अपने ट्यूशन टीचर द्वारा दो साल तक शारीरिक शोषण और रेप करने किये जाने की वारदात को इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. इसे बाद में दूसरे लोगों ने भी शेयर कर दिया था. इसके वायरल होने के बाद यूपी के तत्कालीन डीजीपी ने मामले का संज्ञान लेकर प्रयागराज पुलिस से केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिये थे. इसके बाद सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने आरोपी ट्यूशन टीचर सुनील दुआ के खिलाफ पॉक्सो एक्ट तहत केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.
ऑपरेशन कनविक्शन के तहत हुई मजबूत पैरवी: उत्तर प्रदेश में इन दिनों पुलिस ऑपरेशन कनविक्शन चला रही है. इसके तहत पुलिस दर्ज मुकदमों में आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए मजबूत तरीके से पैरवी कर रही है. इसी कड़ी में सिविल लाइंस थाने में साल 2019 में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए मुकदमे में जेल भेजे गए आरोपी ट्यूशन टीचर सुनील दुआ के खिलाफ कड़ी पैरवी करके उसके गुनाहों की सजा दिलवायी गयी.
अदालत ने नाबालिग छात्रा को ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक सुनील दुआ को दोषी मानते हुए 20 साल कारावास की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी के साथ पीड़िता को धमकाने के आरोप में भी दो साल की सजा और दो हजार का जुर्माना लगाया.