नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षा संकाय में बीएड की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. घटना के पांचवे दिन डीयू प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपित तकनीकी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. हालांकि, कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गया था और उसे विश्वविद्यालय की ओर से सेवा विस्तार दिया गया था. डीयू प्रशासन ने सेवाएं समाप्त करने का उचित कारण नहीं बताया है. शिक्षा संकाय की ओर से मामले को डीयू की इंटरनल कंप्लेन कमेटी (आईसीसी) को सौंपा गया है. प्रकरण पर आईसीसी गुरुवार को पहली बैठक करने जा रही है.
छात्रों ने डीन को किया मेल: छात्रों ने शिक्षा संकाय के डीन को मेल से शिकायत भेजी है. इसमें उन्होंने विस्तार से पूरे मामले का जिक्र किया है. अपनी शिकायत में छात्रा ने कहा है कि 19 अप्रैल को सभी विद्यार्थी एक कार्यक्रम के लिए एकत्र हुए थे. पुराने और नए भवन में आयोजन हो रहा था. उन्हें असाइनमेंट बनाना था. इसके लिए वे शांत स्थान ढूंढते हुए तकनीकी कक्ष में पहुंच गईं. कर्मचारी के पास प्रश्न पत्र की देखरेख का अतिरिक्त काम भी सौंपा हुआ है.
गले लगने के लिए डाला जोर: छात्रा ने आरोप लगाया कि आरोपित अकेले ही कक्ष में थे. पहले उन्होंने सामान्य जानकारियां लीं. इसके बाद उन्हें गले लगने के लिए जोर डाला. फोन चार्ज करने के दौरान मेरा नंबर ले लिया. शाम को उसने बार-बार फोन किया और गले लगाने वाली बात किसी से भी बताने को मना किया. देर शाम को वहां से वे निकल गईं. उन्होंने डीन को उसी दिन वाट्सअप के जरिये शिकायत भेजी.
छात्रा माता-पिता के साथ पहुंचे: अगले दिन मेल के जरिये शिकायत की गई. वे अपने मां-पिता के साथ शिकायत के लिए पहुंचीं. साथी छात्रों को उन्होंने जानकारी दी. छात्रों का आरोप था कि डीन कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. बुधवार को संकाय में कार्यक्रम का आयोजन था. छात्रों ने इसमें शामिल होने से इन्कार कर दिया. उन्होंने प्रदर्शन किया. इसके बाद डीन ने 3 बजे छात्रों से मुलाकात की.
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डीन पर कार्रवाई न करने का आरोप: छात्रों का आरोप है कि डीन की ओर से कोई समाधान की बात नहीं की गई. एक प्रोफेसर ने बताया कि आरोपित का रवैया शुरुआत से ही खराब है. वे शराब पीकर संस्थान में आते रहे हैं. उसके बावजूद उनको सेवा विस्तार दिया गया. उन पर पहले से ही कई आरोप हैं. एक छात्र ने कहा कि उन्होंने डीन से डूसू के तहत शिक्षा संकाय को लाने की मांग उठाई. लेकिन, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. छात्र ने कहा कि हमारे संकाय के छात्र डूसू में वोट नहीं करते हैं.
आरोपी पर पहले से लगे हैं कई आरोप
पूरे मामले में डीन प्रो. पंकज अरोड़ा का कहना है कि छात्रा की शिकायत के बाद मामले को आईसीसी में भेज दिया गया था. डीयू प्रशासन को इससे अवगत करा दिया गया था. छात्र उन पर एकाएक कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. कार्रवाई प्रक्रिया से ही संभव है. सारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. आईसीसी को जल्द बैठक करने को बोला गया था. उन्होंने गुरुवार को बैठक बुलाई है.
डीयू प्रशासन ने बुधवार को कर्मचारी की सेवा समाप्त करने के आदेश दे दिए हैं.हालांकि उन्होंने कार्रवाई किस मामले में की है, यह नहीं लिखा गया है. छात्रों के साथ बैठक कर उनकी पूरी बात सुनी गई है. एहतियात के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.